सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) को भारत (India) के महानतम बल्लेबाजों की एलीट ग्रुप में रखा गया है. सुनील गावस्कर के संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट में एक ऐसा बल्लेबाज आया जिसे अगला गावस्कर माना जाता था। हालांकि कुछ ही मैचों में इस स्टार खिलाड़ी का करियर खत्म हो गया.
दरअसल, भारत के पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा क्रिकेट कमेंटेटर संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) को अगला सुनील गावस्कर कहा जाता था. 12 जुलाई 1965 को मैसूर, बैंगलोर में जन्मे संजय मांजरेकर को क्रिकेट विरासत में मिला था. संजय के पिता विजय मांजरेकर भी अपने दौर के बेहतरीन बल्लेबाज माने जाते थे. संजय मांजरेकर ने भारतीय क्रिकेट टीम में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज प्रवेश किया. हालांकि उन्हें विकेटकीपिंग का ज्यादा मौका नहीं मिला, लेकिन उन्होंने बल्लेबाजी में कई यादगार पारियां खेलीं.
मुंबई के लिए क्रिकेट खेलने वाले संजय मांजरेकर ने नवंबर 1987 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की और अप्रैल 1989 में अपने तीसरे टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक बनाया। तब कैरेबियाई टीम का गेंदबाजी आक्रमण इतना खतरनाक था कि कोई भी आसानी से रन नहीं बना सका। बावजूद इसके संजय मांजरेकर ने 108 रनों की पारी खेलकर अपनी प्रतिभा का सबूत दिया.
संजय मांजरेकर के वनडे करियर की शुरुआत भी वेस्टइंडीज (West Indies) के साथ 1988 के दौर में हुई थी। जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम ने अपना पहला टेस्ट 1992 में भारत के खिलाफ खेला था। उस समय जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों के पास ज्यादा अनुभव नहीं था। इसके बावजूद जिम्बाब्वे ने भारत को हार के करीब धकेल दिया था, तब संजय मांजरेकर ने अंगद की तरह अपना विकेट बचाकर अपना विकेट बचाकर मैच ड्रा करा दिया था.
इस मैच में जिम्बाब्वे ने पहली पारी में 456 रन बनाए थे. बल्लेबाजी के लिए उतरे भारतीय टीम के सात बल्लेबाज दहाई अंक को नहीं छू सके, लेकिन कपिल देव (60) (Kapil Dev) और मांजरेकर (104) की बदौलत भारत ने मैच ड्रा करा दिया. मांजरेकर ने इस पारी में 9 घंटे तक 422 गेंद खेलकर यह शतक बनाया। 37 टेस्ट खेलने वाले संजय मांजरेकर का टेस्ट औसत सिर्फ 37.14 का था, लेकिन पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ यह आंकड़ा तीन गुना ज्यादा पहुंच जाता है. मांजरेकर ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ 94.83 की औसत से रन बनाए। यह किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ सबसे ज्यादा टेस्ट औसत है.
संजय को बहुत ही कम समय में क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा। उनके अचानक क्रिकेट से चले जाने पर कई सवाल भी खड़े हो गए. मांजरेकर ने क्रिकेट छोड़ते समय प्रेस कांफ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि टीम में चयन नहीं होने से दुखी होकर वह क्रिकेट छोड़ देंगे. साल 2019 में संजय मांजरेकर ने ICC (International Cricket Council) क्रिकेट विश्व कप 2019 (cricket world cup 2019) में रविंद्र जडेजा पर कमेंट किया था कि वह एक बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले क्रिकेटर हैं, जिसके बाद जडेजा ने उन्हें अपने प्रदर्शन से करारा जवाब दिया.
एक समय की बात है संजय मांजरेकर ने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) पर तंज कसने से भी नहीं हिचकिचाते थे. एक समय था जब संजय मांजरेकर ने सचिन के राज्यसभा सदस्य बनने और करियर के अंत के प्रति उनके रवैये को लेकर तीखी टिप्पणी की थी. संजय मांजरेकर ने अपनी आत्मकथा ‘इम्परफैक्ट’ में भी सचिन के साथ अपने संबंधों का जिक्र किया है. लेकिन यहां उनके विचार बिल्कुल अलग थे. मांजरेकर ने कहा था कि, ‘सचिन और मैं भले ही जमीन पर एक-दूसरे से टकराए हों, लेकिन मैदान के बाहर वह एक बेहतर इंसान हैं और हम दोनों हमेशा से अच्छे दोस्त रहे हैं.’