वाराणसी: ड्रोन को मानव रहित वायुयान भी कहा जाता है. ड्रोन कई क्षेत्रो (डिफेंस, एग्रीकल्चर और ई-कॉमर्स से लेकर मौसम विज्ञान, आपदा प्रबंधन) में कार्यवत है. साथ ही संकटग्रस्त इलाको, विकास कार्यों, निगरानी और सर्वेक्षण के काम में लगने वाले लागत दर को भी कम करता है. इसके अलावा मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता से मानवीय जोखिम दर को भी कम करता है.
ड्रोन नियम 2021
- ड्रोन के नये नियम रक्षा यानी थल सेना, वायु सेना ओर नौसेना पर नहीं लागू होंगे. बाकी सभी ड्रोन उड़ानों पर ये नये नियम लागू होंगे.
- सभी ड्रोन को डिजिटल पंजीकृत कराना होगा. साथ ही सभी ड्रोन की उपस्थिति और उनकी उड़ान के बारे में सूचना भी देना होगा.
- ड्रोन में 250 ग्राम या इससे कम वजन के नैनो उपकरण, 250 ग्राम से 2 किलोग्राम तक के माइक्रो उपकरण लगाये जा सकेंगे.
- छोटे ड्रोन 2 किलोग्राम से 25 किलोग्राम वजनी होंगे. मध्यम (मीडियम) ड्रोन 25 किलोग्राम से 150 किलोग्राम तक के हो सकते हैं.
- बड़े यूएवी 150 किलोग्राम से 500 किलोग्राम के दायरे में होंगे. 500 किलोग्राम से अधिक वजनी यूएवी विमान नियम, 1937 का पालन करेंगे.
- किसी संस्थान या व्यक्ति को ड्रोन उड़ाने की योग्यता का प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा, जिसे क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया या केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत कोई संस्था जारी कर सकती है.
- प्रत्येक ड्रोन की एक विशिष्ट पहचान संख्या (UIN) होनी चाहिए, जिसे डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से सेल्फ-जेनेरेट किया जा सकता है. UIN नए और पहले से मौजूद सभी UAV के लिए अनिवार्य है.
- ड्रोन का हस्तांतरण अथवा उनका पंजीकरण रद्द करने का काम संबंधित डिजिटल फॉर्म के माध्यम से किया जा सकेगा.
- ड्रोन को कहीं भी नहीं उड़ाया जा सकेगा. इसके लिए डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर एक इंटरेक्टिव एयरस्पेस मैप देगा. जिसमें तय जोन की जानकारी होगी. जोन की श्रेणी में बदलाव किया जा सकता है.
- ग्रीन जोन : सुरक्षित एयरस्पेस है.
- येलो जोन : इसमें दायरे तय होंगे.
- रेड जोन : इसमें सिर्फ विशेष परिस्थितियों के तहत काम करने की अनुमति होगी.
इस मैप को एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) डिवाइस कनेक्शन के साथ आसानी से जोड़ा जा सकेगा. यह नियमों के उल्लंघन को रोकने में मददगार होगा, क्योंकि ऑपरेटर के पास यह आंकलन करने की सुविधा रहेगी कि कहीं पहले से कोई अनुमति लेने की जरूरत तो नहीं.
ड्रोन उड़ाने की योग्यता
ड्रोन पायलटों के लिए उम्र और योग्यता के कुछ मानक निर्धारित होंगे, जिन्हें पूरा करना आवश्यक होगा. एक गैर-हस्तांतरणीय लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक पात्रता परीक्षा भी होगी. ये लाइसेंस 10 साल के लिए वैध होंगे और केवल अधिकृत कर्मी ही ड्रोन को संचालित कर सकेंगे. हालांकि, माइक्रो ड्रोन (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए), नैनो ड्रोन और आरएंडडी (अनुसंधान और विकास) संगठनों के लिए पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है.
नियमों का पालन नहीं करने पर लगेगा एक लाख तक का जुर्माना
यदि नियमों के अनुपालन में कोई लापरवाही होती है, तो विमान अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी. इसके तहत एक लाख तक का जुर्माना लग सकता है. ये नियम इससे पहले मार्च 2021 में अधिसूचित मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियमों की जगह लेंगे. पिछले संस्करण के बाद नियमों में कई बदलाव किए गए हैं. नियमों के मसौदे पर राय व्यक्त करने के लिये लोगों को पांच अगस्त तक का समय दिया गया था. अंतिम मसौदा 15 अगस्त 2021 को प्रकाशित होने वाला है.
पुराने नियमों में हुआ बदलाव
नए नियमों के तहत ड्रोन का अधिकतम वजन 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है. इससे ड्रोन टैक्सियों को ड्रोन नियमों के दायरे में लाना सुनिश्चित हो पाया है.