वाराणसी. दुनिया भर के वैज्ञानिक पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज में दिन-रात मेहनत कर रहे. इस बीच जापान के वैज्ञानिकों द्वारा मंगल ग्रह पर बच्चे पैदा करने के रिसर्च में बड़ी सफलता हासिल की गई है. उनका दावा है कि अब पृथ्वी के बाहर भी बच्चे पैदा किए जा सकते हैं.
वेबसाइट Phys की रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों द्वारा जब अंतरिक्ष में करीब 6 साल तक रखे गए चूहों के स्पर्म को धरती पर वापस लाया गया, तो उससे फिर से स्वस्थ्य चूहे पैदा हुए. अब इन स्पर्म को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से वापस लाया गया. इन स्पर्म से स्पेस रैट का जन्म हुआ. ये चूहे बिल्कुल स्वस्थ्य थे. उनमें किसी तरह की कोई जेनेटिक कमी नहीं देखी गई. स्पेस स्टेशन पर चूहे के स्पर्म को 5 साल 10 महीने के लिए माइनस 95 डिग्री के तापमान पर फ्रीज किया गया था.
जापानी वैज्ञानिकों की इस स्टडी को साइंस एडवांस में शुक्रवार को पब्लिश किया गया. इस स्टडी के प्रमुख तेरुहिको वाकायामा ने कहा कि अंतरिक्ष में स्टोर किए गए स्पर्म के जरिए जो नस्लें पैदा हुई, उसमें धरती के चूहों के मुकाबले थोड़ा सा अंतर है. लेकिन इसे कमी नहीं कहा जा सकता है.
साल 2013 में जापान की यूनिवर्सिटी ऑफ यामानाशी में वाकायामा और उनके साथियों ने स्पर्म के तीन बॉक्स भेजे थे. हर बॉक्स में स्पर्म की 48 शीशियां थी. शोधकर्ता जानना चाहते थे कि इन पर रेडिएशन का क्या प्रभाव पड़ेगा? करीब छह साल बाद इन बॉक्स को तीन अलग-अलग बैच में धरती पर वापस लाया गया. पहला बॉक्स 9 महीने बाद, दूसरा बॉक्स दो साल बाद और तीसरे बॉक्स को छह साल बाद मंगाया गया. ड्रायड फ्रीजिंग की वजह से इस प्रयोग की लागत भी कम आई. धरती पर लाकर रिवाइज कराकर बच्चों का जन्म कराया गया.
रिसर्च से संबंधित प्रोफेसर सयाका वकायमा ने बताया कि जेनेटिक रूप से चूहे के कई सामान्य बच्चे पैदा हुए, वह पूरी तरह स्वस्थ्य थे. वैज्ञानिकों का कहना है कि मानव सभ्यता के लिए यह सबसे बड़ी खोज में से एक है. एक अन्य जीव विज्ञानी ने बताया कि अंतरिक्ष वाले स्पर्म और पृथ्वी पर रहे स्पर्म से हुए बच्चों में खास अंतर नहीं था.