वाराणसीः हर किसी के जीवन में ग्रह नक्षत्र और कुंडली विशेष (Planet Nakshatra and Kundli Special) महत्वपूर्ण होती हैं वही ज्योतिष गणना नक्षत्रों और ग्रहों पर आधारित है. ज्योतिष (Astrology) अनुसार ग्रह नक्षत्र किसी व्यक्ति की दशा और दिशा को बदलते हैं. ज्योतिष में तीन योग सबसे अधिक शुभ माने गए हैं. ये तीन योगों की गिनती महायोग में की जाती है. अगर किसी जातक की कुंडली में ये महायोग हैं तो वे इसका फायदा उठा सकते हैं इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी हैं तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं.
गजकेसरी योग (Gajakesari Yoga)
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गजकेसरी योग को सबसे बड़ा और शुभ माना गया है जिस जातक की कुंडली में ये योग होता है वह खास होता है. चंद्रमा और गुरु के साथ मिलने से ये योग बनता है. गुरु प्रधान लग्न में यह योग अधिक प्रभावशाली होता है. कुंडली में गजकेसरी योग होने पर माता पिता और बड़े बुजुर्गों का सम्मान जरूर करना चाहिए इसके अलावा झूठ बोलने और मदिरा पान करने से बचना चाहिए.
बुधादित्य योग (Buddhaditya Yoga)
वही बुधादित्य योग अधिकांश लोगों की कुंडली में पाया जाता है. इस योग का निर्माण बुध और सूर्य के एक साथ होने से होता है. बुधादित्य योग के कारण मान सम्मान और धन की प्राप्ति होती है. जब कुंडली में इस योग का निर्माण हो तो ऐसे में सूर्योदय के पहले जगना चाहिए साथ ही लापरवाही से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से इस योग का लाभ नहीं मिलता हैं.
पंचमहापुरुष योग (Panchmahapurush Yoga)
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पचंमहापुरुष योग पांच ग्रहों के योग से बनता है. मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि के योग से पंचमहापुरुष योग बनता है. कुंडली में पंचमहापुरुष योग का लाभ तभी मिलता है. जब ये केंद्र या त्रिकोण में बने साथ ही जिन ग्रहों में बन रहा हो वो ग्रह अस्त ना हो. अगर कुंडली में पंचमहापुरुष योग बन रहा हो तो जातक को अहंकार से बचना चाहिए.