वाराणसी: शास्त्रों में कछुआ को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है. भगवान विष्णु के सहयोग से ही मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ थाा .यही कारण है कि लोग कछुए की अंगूठी पहनते हैं. वहीं लोगों का मानना है कि इसे धारण करने से धन प्राप्ति का मार्ग खुलता है. परंतु, कई बार लोग बिना जानकारी के कछुए की अंगूठी धारण कर लेते हैं. जिसकी वजह से ये अंगूठी अपना शुभ परिणाम नहीं दे पाती है. कई बार तो आर्थिक लाभ के बदले नुकसान ही होने लगता है. ऐसे में जानते हैं कि कछुए वाली अंगूठी किस प्रकार धारण करने से शुभ परिणाम प्राप्त होता है.
कछुआ जलीय जीव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कछुआ जलीय जीव है. इसका संबंध मां लक्ष्मी से माना जाता है, क्योंकि देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति भी जल से हुई है. ऐसे में जिन लोगों के स्वभाव में उग्रता रहती है उन्हें कछुए वाली अंगूठी पहनना शुभ होता है. इस अंगूठी को धारण करने से मन शांत और व्यवहार संतुलित रहता है.
कछुए का संबंध मां लक्ष्मी से माना गया है. ऐसे में इस अंगूठी को शुक्रवार के दिन ही धारण करना चाहिए. हालांकि इस धारण करने से पहले इस पर ‘श्रीं’ इंकित करवाना चाहिए. साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि ‘श्रीं’ उंगली की ओर होनी चाहिए.
गंगाजल से शुद्ध करके पहने कछुए की अंगूठी
बता दें कि कछुए की अंगूठी धारण करने से पहले गाय के कच्चे दूध में डालकर फिर उसे गंगाजल से शुद्ध करें. इसके बाद इसे मां लक्ष्मी के सामने रखकर इसकी पूजा करने के बाद श्रीसूक्त का पाठ करें. इसके बाद इसे धारण करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि कछुए का मुख आपकी तरफ रहे. कछुए वाली अंगूठी अंगूठे, मध्यमा उंगली या अनामिका उंगली में ही धारण करना चाहिए. इसके अतिरिक्त किसी भी उंगली में कछुए की अंगूठी धारण करने से कोई लाभ नहीं मिलता है.
जानें किन राशि वालों को नहीं पहननी चाहिए अंगूठी
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों को कछुए वाली अंगूठी नहीं पहननी चाहिए. दरअसल ये राशियों जल तत्व से संबंध रखती हैं, इसलिए इन राशियों से संबंधित लोगों को ये अंगूठी धारण करने से बचना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News World digital इसकी पुष्टि नहीं करता है.)