वाराणसी: हिंदू धर्म में होली के बाद रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस साल रंग पंचमी 22 मार्च, मंगलवार को है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है. रंग पंचमी का पर्व होली त्योहार के पांच दिन बाद मनाया जाता है. होली का पर्व चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ हो जाता है और पंचमी तिथि तक चलता है. पंचमी के दिन मनाए जाने के कारण इसे रंग पंचमी कहा जाता है.
रंग पंचमी का त्योहार
ऐसा कहा जाता है कि रंग पंचमी के दिन दैवीय शक्तियां नकारात्मक शक्तियों से ज्यादा होती हैं. राधारानी के बरसाने में इस दिन उनके मंदिर में विशेष पूजा और दर्शन लाभ होते हैं. मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण ने गोपियों संग रासलीला की थी और दूसरे दिन रंग खेलने का उत्सव मनाया था.
बता दें कि शाहजहांपुर में रंग पंचमी के दिन खुदागंज क्षेत्र में लाट साहब का जुलूस निकाला जाता है जिसमें एक व्यक्ति को गधे पर बैठाकर उसे जूतों से मारते हुए पूरे नगर क्षेत्र में घुमाया जाता है. जिसके बाद होली के त्यौहार की पंचमी के दिन समाप्ति हो जाती है.
खेली जाती है देवताओं संग होली
रंग पंचमी का त्योहार होली का अंतिम पड़ाव माना जाता है. इस दिन देवी-देवताओं के साथ होली खेली जाती है. ये पर्व हर साल होली के बाद शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार, देवी-देवताओं को समर्पित रंग पंचमी के इस पर्व को देव पंचमी भी कहा जाता है. इस दिन देवी-देवताओं के साथ होली खेलने पर वे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
रंग पंचमी का महत्व
बता दें कि होली के पांचवे दिन के बाद ही रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन अबीर और गुलाल को आसमान में उड़ाया जाता है. इसलिए इसे रंग पंचमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन गुलाल देवी-देवताओं को अर्पित किए जाते हैं. रंग पंचमी के दिन शरीर पर रंग नहीं लगाया जाता है बल्कि रंग को हवा में उड़ाया जाता है. कहते हैं कि आसमान में फेंका गया गुलाल लोगों के ऊपर वापस गिरता है तो इससे व्यक्ति के तामसिक और राजसिक गुणों का नाश होता है.
बताया जाता है कि धर्म शास्त्रों के अनुसार प्राचीन काल में जब होली का पर्व कई दिनों तक मनाया जाता था, तब रंग पंचमी के दिन को आखिरी दिन माना जाता था और इसके बाद कोई होली नहीं खेलता था. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी इसलिए इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी को रंग अर्पित किया जाता है.
जानें रंग पंचमी शुभ मुहूर्त
पंचमी प्रारंभ 06:24 सुबह-22 मार्च, मंगलवार 2022
पंचमी समाप्त 04:21 सुबह-23 मार्च. बुधवार, 2022