वाराणसी: हमारा देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। आज भारत में बने प्रोडक्ट्स आपका एक अलग रूप ले चुके हैं। हमारा देश आज दुनिया के काफी फेमस ब्रांड्स से गिरा हुआ है। सिर्फ इतना ही नहीं भारत के ब्रांड्स दुनिया के बड़े बड़े ब्रांड्स और पीछे छोड़ आगे बढ़ रहा है। बहुत लोगों को लगता है की जो प्रोडक्ट्स हम इस्तेमाल कर रहे हैं वह विदेशी ब्रांड है।
भारतीय ब्रांडों से संबंधित पहल 1952 से स्वतंत्रता के बाद की गई थी। ब्रिटिश शासन के दौरान कई भारतीय कंपनियां दिखाई दी थीं, जिनमें से टाटा ग्रुप (1868), डाबर (1884), गोदरेज (1897), वाडीलाल (1907), और पारले जी (1929) प्रमुख हैं। आपको बता दें सबसे पुराना संयुक्त स्टॉक बैंक इलाहाबाद बैंक था, जिसकी स्थापना 1865 में हुई थी।
आज हम आपको कुछ ऐसे ब्रांड्स से रूबरू कराएंगे जो आपको लगता है की विदेशी है लेकिन असलियत में भारतीय ब्रांड है।
• रॉयल एनफील्ड – यह 1893 में एनफील्ड साइकिल कंपनी द्वारा स्थापित हुई थी। आयशर मोटर्स ने इसे 1994 में खरीदा था और तब से इसे रॉयल एनफील्ड इंडिया के नाम से जाना जाता है। इस बाइक का इस्तेमाल सबसे ज्यादा भारतीय सेना और पुलिस करती है।
• ओल्ड मोंक – इस प्रतिष्ठित भारतीय डार्क रम को 1954 में मोहन मीकिन लिमिटेड द्वारा गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में लॉन्च किया गया था। 2013 तक, इसे दुनिया की सबसे बड़ी ब्लैक रम बेचने वाली कंपनी के रूप में देखा गया था।
• ला ओपला – यह हाई-एंड टेबलवेयर ब्रांड फ्रेंच लगता है, लेकिन यह वास्तव में 100% भारतीय है। श्री सुशील झुनझुनवाला ने इसे 1988 में ‘ला ओपेरा’ ब्रांड के तहत भारत में पेश किया था।
• वैन ह्यूसेन – अमेरिका और भारत में मशहूर इस फैशन ब्रांड की स्थापना 18वीं सदी में फिलिप्स फैमिली ने की थी। अब इसके मालिक आदित्य बिड़ला ग्रुप हैं।
• जगुआर एंड लैंड रोवर कार्स – टाटा मोटर्स एक भारतीय ऑटोमोटिव निर्माता है। जगुआर कार और लैंड रोवर दोनों को टाटा मोटर्स ने 2008 में खरीदा था।
• एलेन सोली – यह आदित्य बिरला ग्रुप का एक कपड़ों का ब्रांड है। यह ब्रांड विलियम होलिन द्वारा 1774 में लॉन्च किया गया था और 1990 में मदुरा गारमेंट्स द्वारा खरीदा गया था।
अगली बार अगर आप शॉपिंग करने का सोचे तो एक बार इन इंडियन ब्रांड्स के बारे में जरूरी सोचिएगा।