बीजिंग: चीन ने एक बार फिर दुनिया को यह बता दिया है कि वह इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सबसे आगे है. इस बार चीन ने दुनिया का सबसे ऊंचा एक्सप्रेस-वे तैयार किया है, जो चीन के नागक्यू से तिब्बत की राजधानी ल्हासा को जोड़ती है. चीन के यातायात मंत्रालय के अनुसार फिलहाल इसका 227 किलोमीटर लंबा सेक्शन खोला गया है, जो नागक्यू से यांगबाजैन तक है.
आपको बता दें कि नागक्यू से ल्हासा तक की कुल दुरी 295 किलोमीटर है. इस एक्सप्रेसवे की औसत ऊंचाई 4500 मीटर (14,763 फीट) है, जिसका नाम जी6 बीजिंग-ल्हासा एक्सप्रेस-वे है. यह चीन की पहली ऐसी सड़क है जो तिब्बत की राजधानी को सीधे उत्तरी तिब्बत और चीन के अन्य हिस्सों से जोड़ती है.
यह एक्सप्रेस-वे घास के मैदान, बर्फीले पहाड़ों और वेटलैंड्स से होते हुए गुजरता है. इस पर यात्रा के दौरान पूरे समय आपको खूबसूरत प्राकृतिक नजारे देखने को मिलेंगे. इसमें सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – यांगबाजैन जियोथर्मल हॉट स्प्रिंग (यानी गर्म पानी का झरना) और नामत्सो लेक शामिल है.
इस सड़क को बनाने वाले कंपनी के डायरेक्टर वांगजी सेरिंग ने कहा कि हमने इस सड़क को बनाते समय स्थानीय पर्यावरण का पूरा ध्यान रखा है. पूरे निर्माण की प्रक्रिया के दौरान कोशिश की गई है कि प्रकृति को नुकसान न पहुंचे और न ही भविष्य में ऐसा कुछ न हो.
The world's highest expressway, running between the city of Nagqu and Lhasa, capital of southwest China's Tibet Autonomous Region, went into operation on Saturday https://t.co/wVkoXPrLbl pic.twitter.com/6wcKGk3Mje
— China Xinhua News (@XHNews) August 21, 2021
वांगजी ने बताया कि इस एक्सप्रेस-वे को बनाते समय इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि मवेशियों और जंगली जानवरों के आने-जाने का रास्ता बाधित न हो. साथ ही वो एक्सप्रेसवे पर न चढ़ें, इसका भी ख्याल रखा गया है. आप इस एक्सप्रेसवे के जरिए ल्हासा से नागक्यू की दूरी सिर्फ तीन घंटे में पूरी कर सकते हैं. जिसमें पहले 6 से 7 घंटे लगते थे.
इस एक्सप्रेस-वे के बनने से चीन को सबसे बड़ा फायदा होगा. इस मार्ग से सैनिक, हथियार और रसद पहुंचा सकता है. इस एक्सप्रेवे के बनने के साथ ही तिब्बत में अब हाईवे की लंबाई बढ़कर 1105 किलोमीटर हो गई है.