(International). चीन के विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष प्रवक्ता झाओ लिजियन(Zhao Lijian) ने पिछले गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोगों को यह मानने के लिए बोला की, कि वायरस वुहान में उत्पन्न हुआ क्योंकि यह पहली बार वहां पाया गया था, और इस बात को गलत बताते हुए कहा कि वायरस लैब में बनाया गया था और लैब से बाहर लिक हो गया था।
झाओ ने यह भी कहा कि, “कोविड-19 के जीनोम अनुक्रम की पहचान सबसे पहले चीनी वैज्ञानिकों ने की थी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वुहान कोरोनावायरस का स्रोत है और न ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कोरोनावायरस चीनी वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया था।”
बाद में उन्होंने कहा कि “वुहान में टीम को गलती बताने के बजाय COVID-19 पर उनके शोध के लिए चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए।”
चीन के सरकारी ग्लोबल टाइम्स अखबार ने भी रविवार को बताया कि लैब को इस साल चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के उत्कृष्ट विज्ञान और प्रौद्योगिकी उपलब्धि पुरस्कार के लिए नामित किया गया था, जो कि COVID-19 पर उनके काम के कारण था। प्रयोगशाला रिसाव सिद्धांत को एक बार में कई विशेषज्ञों द्वारा गलत करार कर दिया गया था, लेकिन हाल ही में यह फिर से नया आकर्षण प्राप्त किया है।
पिछले महीने द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट का खुलासा किया था, जिसमें कहा गया था कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के तीन कर्मचारी एक महीने से अधिक समय पहले विशेषज्ञों द्वारा पहले COVID-19 मामलों का पता लगाने से पहले बीमार हो गए थे।
द जर्नल की रिपोर्ट के कुछ दिनों बाद, राष्ट्रपति, जो बिडेन ने खुफिया समुदाय से वायरस की उत्पत्ति में एक नई जांच का आदेश दिया। उन्होंने परिणामों के लिए 90 दिनों की समय सीमा दी।