वाराणसी: इस समय पूरी दुनिया खतरनाक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रही है. अब वैज्ञानिकों ने इसकी वैक्सीन भी बना ली है. इसके अलावा और भी कई बीमारियां हैं, जिनमें से एक कैंसर भी है जो इंसानों में पाए जाने वाली सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है. इस बीमारी से बचाव और उसके प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है.
साल 1933 से मनाया जा रहा है कैंसर Day
हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. साल 1933 में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी और इसके पीछे ये उद्देश्य है कि लोगों को इस बीमारी से बचने के तरीकों को लेकर जागरुक किया जा सके. सबसे पहले विश्व कैंसर दिवस साल 1993 में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) के द्वारा मनाया गया था.
1993 में जब UICC की ओर से कैंसर दिवस की स्थापना की गई थी उस समय कुछ अन्य प्रमुख कैंसर सोसाइटी, ट्रीटमेंट सेंटर, पेशेंट ग्रुप और रिसर्च इंस्टिट्यूट ने भी इसे आयोजित करने में मदद की थी. जानकारी के अनुसार उस समय लगभग 12.7 मिलियन लोग कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे और हर साल करीब 7 मिलियन लोगों की जान कैंसर की वजह से जा रही थी.
इस साल की थीम
विश्व कैंसर दिवस मनाने के लिए प्रतिवर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है, इस बार की थीम क्लोज द केयर गैप (Close The Care Gap) है. इस थीम के साथ यह दिन पूरे विश्व में मनाया जाएगा.
कैंसर दिवस का उद्देश्य
कैंसर दिवस का मुख्य लक्ष्य है कि आम लोगों को कैंसर के खतरों के बारे में जागरुक किया जा सके और इसके लक्षण से लेकर इसके बचाव के बारे में जानकारी दी जा सके. कई लोगों को भ्रम है कि कैंसर छूने से भी फैलता है, जिसके कारण लोग कैंसर के रोगियों से अच्छा व्यवहार नहीं करते, ऐसे में लोगों के मन से इस धारणा को निकालना भी कैंसर दिवस का मुख्य उद्देश्य है.
कैंसर के प्रकार
ब्लड कैंसर
मुंह का कैंस
स्तन कैंसर
गर्भाशय का कैंसर
सर्वाइकल कैंसर
पेट का कैंसर
गले का कैंसर
अंडाशय का कैंसर
प्रोस्टेट कैंसर
मस्तिष्क का कैंसर
कैंसर के कारण
– तंबाकू या गुटखे का सेवन.
– सिगरेट और शराब पीना
– लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहना
– आनुवंशिक दोष
– शारीरिक निष्क्रियता
– खराब पोषण
– मोटापा
कैंसर के लक्षण
– शरीर के किसी हिस्से में गांठ महसूस होना
– निगलने में कठिनाई होना
– पेट में लगातार दर्द बने रहना
– घाव का ठीक न होना
– त्वचा पर निशान
– मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
– कफ और सीने में दर्द
– थकान और कमजोरी महसूस करना
– निप्पल में बदलाव
– शरीर का वजन अचानक से कम या ज्यादा होना