वाराणसी: अपने दातों को ब्रश करना डेंटल केयर रूटीन का इंपोर्टेंट पार्ट है। ओरल हेल्थ का मतलब दांतों, मसूड़ों और पूरे मुंह के स्वास्थ्य से है जो हमे बोलने, खाने और मस्कुराने में मदद करता है। ओरल हेल्थ को प्रभावित करने वाली कुछ सबसे आम बीमारियों में दांतों की सड़न (Cavity) , मसूड़े (Periodontal) रोग और मुंह का कैंसर शामिल हैं। रिपोर्ट्स की माने तो अगर मुंह की सफाई ठीक से न की जाए तो दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विश्व ओरल हेल्थ दिवस (World Oral Health Day) पर रविवार को लेडी हॉर्डिंग मेडिकल कॉलेज के डेंटिस्ट डिपार्टमेंट में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि अगर मुंह की सही से सफाई न हो तो यह सेहत को भी प्रभावित करती है। इसकी सफाई न रखने पर दिल की बीमारी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। वहीं, मसूड़ों में लगने वाले पायरिया का सही से इलाज न हो पाने से बच्चा समय से पहले ही जन्म ले सकता है। गर्भवती मां को पायरिया होने पर बच्चे को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। अगर मां को डायबिटीज हो तो यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।
दिल की बीमारी और ओरल हेल्थ
मुंह की कैविटी में लाखों बैक्टिरीया होते हैं, ऐसे में जो लोग अपने मुंह की सफाई को लेकर जागरूक होते हैं, उनके मुंह में यह संख्या कम होती है, लेकिन मुंह की सफाई को लेकर बेहद आलसी लोगों में यह बैक्टिरिया खून की नसों के जरिये दिल तक पहुंचने का रास्ता बना लेते हैं।
क्या है ब्रशिंग का सही तरीका
अपने टूथब्रश को मसूड़ों से 45 डिग्री के कोण पर रखें। धीरे से ब्रश को छोटे स्ट्रोक में आगे-पीछे करें। दांतों की बाहरी सतहों, अंदर की सतहों और चबाने वाली सतहों को ब्रश करें।सामने के दांतों की अंदरूनी सतहों को साफ करने के लिए ब्रश को लंबाई में झुकाएं और ऊपर-नीचे कई स्ट्रोक करें।
इन बातों का भी रखें ख्याल
दिन में एक बार रोजाना दांतों के बीच की सफाई करें। दांतों की सड़न पैदा करने वाले बैक्टीरिया अभी भी दांतों के बीच रहते हैं जहां टूथब्रश के ब्रिसल्स नहीं पहुंच सकते। यह दांतों के बीच और गम लाइन के नीचे से प्लाक और खाने के पार्टिकल्स को हटाने में मदद करता है। एक बैलेंस डायट लें जो शक्कर युक्त ड्रिंक और स्नैक्स को सीमित करे। मुंह की बीमारी की रोकथाम और इलाज के लिए अपने डेंटिस्ट से मिलें।