वाराणसीः मोटापा (Fatness) कम करने के योगासन (yoga asanas) में धनुरासन (Dhanurasana) सबसे ज्यादा प्रभावशाली (effective) माना जाता हैं। साथ ही यह एक ऐसा आसन हैं जिसके अभ्यास से पूरे शरीर की मांसपेसियों पर खिंचाव पड़ता हैं जिस कारण मांसपेशियां (muscles) मजबूत होती हैं और शरीर में लचीलापन बढ़ता हैं। धनुरासन के फायदे पेट से जुड़ी समश्याओं के लिए भी अच्छे हैं और इसके नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र और मेटाबॉलिस्म भी सही से कार्य करता हैं।
अगर आप अपने पेट की बढ़ती चर्बी से परेशान हैं और इसे कम करना चाहते हैं तो फिर आपको अन्य योगासन के साथ धनुरासन का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। धनुरासन के नियमित अभ्यास से आप आसानी से पेट, कमर और साइड की बढ़ती चर्बी कम कर सकते हैं और अपने आप को फिट व स्वस्थ रख सकते हैं। इसके साथ ही धनुरासन के फायदों की एक लंबी लिस्ट हैं जिसके बारे में हम आर्टिकल में आगे जनेंगे।
धनुरासन क्या हैं?
धनुरासन सस्कृंत भाषा के दो शब्द धनुर और आसन से मिलकर बना हैं, जिसमें “धनुर” का अर्थ धनुष और “आसन” का अर्थ बैठने की मुद्रा हैं। इस तरह धनुरासन का अर्थ धनुष जैसी मुद्रा हैं। इस आसन को करते समय शरीर का आकार धनुष जैसा दिखाई देता हैं, इसलिए इसे यह नाम दिया गया हैं। इंग्लिश में इसे “Bow Pose” के नाम से भी जाना जाता हैं।
धनुरासन करने की विधि?
- अब अपने सिर, छाती और जांघ को ऊपर की ओर उठाएं.
- धनुरासन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं.
- घुटनों को मोड़ते हुए कमर के पास ले आएं और अपने हाथ से दोनों टखनों को पकड़ें.
- सांस को धीरे धीरे छोड़े और छाती, पैर को जमीन पर रख आराम करें.
- अपने शरीर के भार को पेट के निचले हिस्से पर लेने का प्रयास करें.
- पैरों को पकड़कर आगे की ओर शरीर को खींचने की कोशिश करें.
- अपनी क्षमतानुसार लगभग 15-20 सेकेंड तक इस आसन को करें.
धनुरासन करने के फायदे
- यह मोटापा को कम करता है और शरीर को संतुलित रखता है.
- यह आसन मासपेशियों और हड्डियों को लचीला बनाता है.
- यह आसन डिप्रेशन के लक्षण को कम करने में फायदेमंद रहता है.
- इस आसन से अपच, अजीर्ण और पेट के विकार भी दूर होते हैं.
- पेट की मांसपेशियो को मजबूत करने में प्रभावी होता है.
- इन लोगों के लिए नहीं करना चाहिए धनुरासन?
- पीठ या कमर दर्द जैसी समस्या से राहत दिलाने में मददगार
- इस आसन को करने से हाथो व बाहों में कसावट बनी रहती है.
- हिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती है.
- इसको करके रीढ़ की हड्डियों की मजबूत किया जा सकता है.
- इस आसन को करने से भूख बढ़ती है.
जिन लोगों को कमर में दर्द है, पेट में दर्द और छाले हो, माइग्रेन अथवा सिरदर्द होने पर, उच्च और निम्न रक्तचाप की समस्या में इस आसन को करने से परहेज करना चाहिए. गर्भवती महिलाएं भी इस आसन का अभ्यास न करें.