वाराणसी: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जेआरएफ की वैधता अवधि को एक वर्ष तक बढ़ाने का फैसला किया है. यानी तीन साल की अवधि को एक साल ओर आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. यह केवल उन सभी यूजीसी नेट योग्य उम्मीदवारों पर लागू होता है, जिनकी प्रवेश प्रक्रिया कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण प्रभावित हुई थी.
नेट जेआरफ की अवधि 1 साल बढ़ी
इसके साथ ही यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए सीयूईटी को साल में दो बार कराए जाने की तैयारी है. इसके लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के साथ बातचीत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अगले सत्र यानी अगले साल से सीयूईटी यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम को वर्ष में 2 बार आयोजित किया जाएगा.
राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा साल में दो बार
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित होने वाली विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) साल में दो बार होती है. यह एक राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षा है. इसका आयोजन भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ‘सहायक प्रोफेसर’ और ‘जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर’ के पद के लिए उम्मीदवारों की पात्रता निर्धारित करने के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी.
बता दें कि यूजीसी नेट जेआरएफ 2021 परीक्षा 20 नवंबर, 2021 से 05 जनवरी, 2022 तक आयोजित की गई थी. परीक्षा की तारीखों की घोषणा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा 22 अक्टूबर, 2021 को यूजीसी नेट की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी एक अधिसूचना के माध्यम से की गई थी. जिन उम्मीदवारों ने यूजीसी नेट दिसंबर 2020 के लिए पंजीकरण किया था, लेकिन आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने में असमर्थ थे, उन्हीं छात्रों के लिए यह अवधि लागू होगी.
सीयूईटी के कारण बोर्ड परीक्षाओं की अहमियत कम नहीं
प्रोफेसर जगदीश कुमार ने बताया कि सीयूईटी के कारण बोर्ड परीक्षाओं की अहमियत कम नहीं होगी. न ही इसके कारण कोचिंग की प्रथा को बढ़ावा मिलेगा. राज्य बोर्ड के छात्रों को भी इससे घाटा नहीं होगा. वहीं, उन्होंने बताया कि एनटीए आगामी सत्र से सीयूईटी को साल में दो बार आयोजित करने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि सीयूईटी केवल केंद्रीय विश्विद्यालय तक सीमित नहीं रहेगा. कई निजी विश्विद्यालयों ने इससे जुड़ने की इच्छा जताई है.
इस सवाल पर कि क्या सीयूईटी कोचिंग की प्रथा को बढ़ावा देगा? इस पर प्रोफेसर कुमार ने कहा कि कोचिंग प्रथा को बढ़ावा देवे का कोई सवाल नहीं उठता. परीक्षा पूरी तरह से 12वीं के सिलेबस पर आधारित होगी. कई छात्रों को आशंका है कि क्या परीक्षा में 11वीं कक्षा से भी प्रश्न पूछे जाएंगे? इसका जवाब है नहीं.
राज्य बोर्ड के विद्यार्थियों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए बराबरी का अवसर
यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि सीयूईटी के आयोजन से सभी राज्य बोर्ड के विद्यार्थियों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए बराबरी का अवसर मिलेगा. उन्होंने बताया कि सभी राज्य बोर्ड में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के लिए मूल्यांकन मानदंड अलग-अलग हैं और परीक्षा का स्तर पर भी. जिससे परीक्षार्थियों के प्राप्तांकों में अंतर रहता है. जिन राज्य बोर्ड का रिजल्ट ज्यादा रहता है तो वहां के विद्यार्थी ज्यादा संख्या में दाखिला पाते हैं और जिनका रिजल्ट कम होता है तो वहां विद्यार्थी कम दाखिला ले पाते हैं. ऐसे में सीयूईटी सभी को कक्षा 12वीं एनसीईआरटी के सिलेबस के आधार पर प्रवेश परीक्षा में समान अवसर मुहैया कराएगी.