गोरखपुरः कोतवाली क्षेत्र के दुर्गाबाड़ी में 25 अप्रैल की रात हुई फायरिंग की घटना (firing incident) के मुख्य आरोपी अभिषेक पासवान (Abhishek Paswan) ने शुक्रवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण (surrender) कर दिया. इसके बाद कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया. पुलिस लगातार उसके घर पर छापेमारी कर रही थी. इस मामले में अब तक कसाया कुशीनगर निवासी आहेल उर्फ नसीमुद्दीन, बेनीगंज कोतलवाली निवासी सहनवाज, अभिषेक पासवान समेत चार आरोपी जेल जा चुके हैं. वहीं, कोतवाली के छोटे काजीपुर निवासी अनिकेत सिंह समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. गोलीबारी में आरोपी अनिकेत भी घायल हो गया. उसका इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है.
वहीं अनिकेत के पिता दुर्गेश कुमार सिंह ने बेटे को बेकसूर बताया है. उनका कहना है कि उनके बेटे को गोली लगी है और पुलिस अभी उसका मामला दर्ज नहीं कर रही है. उनका कहना है कि बेटे का आरोपी से कोई संबंध नहीं है. यहां बता दें कि कोतवाली के दुर्गाबाड़ी तरंग चौराहे के पास एक अंडे की दुकान पर छात्रों के दो गुटों में विवाद हो गया. एक तरफ से पहुंचे अंडा विक्रेता अभिषेक पासवान ने फायरिंग कर दी. जिसमें तीन लोग घायल हो गए. पुलिस ने बताया था कि एक निजी कंपनी के सेल्समैन जटाशंकर पोखरा निवासी शंकर चौधरी का पुत्र शनि इंटर का छात्र है. वह कोचिंग सेंटर में पढ़ने जाता है. वहां उसे एक समूह ने एक लड़की के साथ पीटा. इसी के चलते 25 अप्रैल की रात को गोली चली थी. अभिषेक के साथ अनिकेत सिंह भी थे. गोली लगने से अनिकेत सिंह, शंकर चौधरी और शाहनवाज घायल हो गए.
पुलिस ने शिव चौधरी निवासी जटाशंकर पोखरा की शिकायत पर मुख्य आरोपी अभिषेक पासवान, घायल अनिकेत सिंह, शाहनवाज, आहिल उपाध्याय, रवि उपाध्याय, आलोक, राजवीर के खिलाफ मामला दर्ज किया था. शुक्रवार को घायल आरोपित अनिकेत सिंह के पिता ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके बेटे का आरोपी से कोई संबंध नहीं है. उसे भी गोली लगी है. आरोप है कि उसने पुलिस को शिकायत भी दी है लेकिन उसकी तहरीर पर मामला दर्ज नहीं किया गया. इंस्पेक्टर कोतवाली कल्याण सागर ने बताया कि अनिकेत मुकदमे में आरोपी है. वह भी मुख्य आरोपी के साथ. चूंकि वह घायल है, इसलिए उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. उसके परिवार वाले अब पेशबंदी में केस दर्ज कराना चाहते हैं.