गोरखपुर (उत्तर प्रदेश): दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की गुत्थी सुलझने का नाम ही नहीं ले रही है. जहां एक ओर परिजन हत्या होने की बात कह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस इसे आत्महत्या बता रही हैं.
इस मामले में सदर से बीजेपी विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने सुसाइड की थ्योरी पर सवाल उठाया है. इस बीच गोरखपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने पीएम रिपोर्ट का हवाला देते हुए फंदे से लटकने और गला कंसने को छात्रा की मौत की वजह बताया. उन्होंने कहा कि परिजनों के कहने पर हत्या का केस दर्ज किया गया है, कुछ लोग इस प्रकरण में राजनीति और अफवाह फैला रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस की दलील
एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर 302 की एफआईआर दर्ज हो गई है. उन्होंने कहा कि जो पोस्टमार्टम हुआ है, वो पैनल और वीडियोग्राफी के साथ हुआ है. मौत की वजह ‘एंटीमाटम हैंगिंग’ आया है. सभी से अनुरोध है कि इसमें किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं.
इससे पहले रविवार को बीजेपी विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने मृतका के घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया था और निष्पक्ष जांच कर न्याय दिलाने की बात कही थी. वे यहां तक कह रहे हैं कि आत्महत्या के पहले और बाद में फंदा बांधने का अंतर यहां दिखाई दे रहा है, आपको तहरीर देनी होगी.
विधायक अग्रवाल ने कहा कि जब बच्ची का शव फंदे से लटका था, तब उसका पैर जमीन पर छू रहा था. अगर कोई बच्ची फांसी के फंदे पर लटकेगी तो उसका पैर जमीन पर नहीं छुता. इतना ही नहीं, बच्ची के सिर के पीछे चोट भी लगी थी, जो आत्महत्या करने से नहीं लगेगी.
क्या है पूरा मामला
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग की बीएससी गृह विज्ञान विभाग तृतीय वर्ष की छात्रा प्रियंका का शव विभाग के स्टोर रूम में ट्यूबलाइट के फ्रेम में दुपट्टे से लटकते हुए मिली थी. प्रियंका दीक्षा भवन में परीक्षा देने के लिए भाई के साथ विश्वविद्यालय आई थी.
इसके बाद करीब 1 बजे पिता और भाई को छात्रा के मिले पर्स से उसके मौत की सूचना कैण्ट पुलिस ने दी. इसके बाद घटनास्थल पर पहुंचे परिजनों ने छात्रा की मौत को आत्महत्या की बजाय हत्या करार देते हुए जांच की मांग की थी.