राजगढ़ (मध्य प्रदेश). कोरोना काल के बीच कई ऐसी घटनाएं सामने आई, जो दिल-दहला देने वाली थी. एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले से आया है. जिले में चल रहे एक फर्जी नर्सिंग होम और डॉक्टरों की वजह से 7 बच्चों की जान चली गई. इस मामले में अस्पताल के 22 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है. जबकि संचालक अभी तक फरार चल रहा है.
दरअसल, जिले के इस फर्जी नर्सिंग होम को अप्रशिक्षित व नौसिखिए डॉक्टर्स और 10वीं कर्मचारियों द्वारा चलाया जा रहा था. इस नर्सिंग होम का संचालन विनोद शर्मा, साहिल उद्दीन और तनवीर वारसी नामक शख्स द्वारा किया जा रहा था. इनमें से विनोद शर्मा और साहिल उद्दीन बतौर चिकित्सक वहां कार्यरत था.
इस फर्जी नर्सिंग होम का खुलासा तब हुआ जब कलेक्टर कार्यालय में कार्यरत अजय नकवाल अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए लेकर वहां आया था. वहीं, डिलीवरी के दौरान उसके बच्चे की मौत हो गई. इसके बाद अजय द्वारा प्रशासन से इस बात को लेकर शिकायत की गई.
इस दौरान शिकायत पर जब एसडीएम पल्लवी वैद्य जांच करने के लिए पहुंची तब पूरा मामला सामने आ गया. हैरान करने वाली बात यह थी कि इस फर्जी नर्सिंग होम में सरकारी ऑक्सीजन सिलेंडर भी पाया गया. इस दौरान फर्जी नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है.
इस मामले में तीनों संचालकों सहित 22 कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं, सभी आरोपी फरार चल रहे हैं, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है. इस घटना के बाद आरोपी तनवीर वारसी के ब्यावरा स्थित बालाजी नर्सिंग होम पर भी कार्रवाई की. जहां भी अनियमितताएं पाए जाने पर इसे भी सील कर दिया गया है.