वाराणसी: कोरोना वायरस एक बार फिर से पूरे देश में दस्तक देना शुरू कर दिया है. आए दिन कोरोना केस में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं इन सब के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. WHO ने दावा किया है कि भारत में कोरोना से 47 लाख लोगों ने जान गंवाई है. वहीं भारत सरकार ने WHO के इस दावे का खंडन करते हुए इसके विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं.
भारत सरकार ने जताई आपत्ति
WHO के इस दावे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि डेटा कलेक्शन का मॉडल, डेटा कलेक्शन, डेटा सोर्स, प्रक्रिया ( मेथोडोलॉजी) सब सवालों के घेरे में है. वहीं मंत्रालय ने यह साफ कर दिया कि इस मसले को सभी ऑफिशियल चैनल का इस्तेमाल कर Executive बोर्ड में रखा जाएगा.
जानें स्वास्थ्य मंत्रालय ने WHO के सामने रखे कौन कौन से सवाल
- इस आंकड़े में शामिल 17 राज्यों को किस आधार पर चुना गया?
- राज्यों के नाम बताने में 4 महीने क्यों लग गए?
- कब तक या किस वक्त तक का डेटा WHO ने लिया?
- नवंबर से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने WHO को इस संबंध में 10 चिट्ठियां लिखीं. लेकिन WHO ने एक का भी जवाब नहीं दिया.. क्यों?
- ऑफिशियल डेटा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से क्यों नहीं लिया गया?
जानें किन राज्यों की आबादी पर आधारित है WHO का आंकड़ा
बता दें कि WHO ने महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, असम, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़ बिहार, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और यूपी के आधार पर मौतों का आंकड़ा जारी किया है. WHO ने कहा कि इन राज्यों में भारत की 60% आबादी है. हमने 2020 का डेटा दिया. 2021 का डेटा आने वाला है. हमारा डेटा बर्थ एंड डेथ रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया से आता है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने WHO के मौतों की गणना के मॉडल को बेबुनियाद बताया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बार फिर साफ किया है कि भारत में हुई कोविड-19 से मौतों की गिनती करने में विश्व स्वास्थ्य संगठन जो गणितीय मॉडल लगा रहा है वह सरासर गलत है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि “भारत में जन्म और मौतों की गणना करने के लिए एक सिस्टम बना हुआ है. भारत के तीन लाख से ज्यादा रजिस्ट्रार और सब-रजिस्ट्रार सिस्टम के जरिए यह गणना की जाती है. इससे पता चलता है कि किस वर्ष में भारत में कितने लोगों ने जन्म लिया और कितने लोगों की मृत्यु हुई. यह आंकड़ा हर साल जारी किया जाता है.”
जानें क्या है WHO का दावा
WHO के दावे के अनुसार भारत में कोरोना से तकरीबन 47 लाख लोगों की जान जा चुकी है. यानी सरकार के आधिकारिक फिगर से 10 गुना ज्यादा. WHO ने ये भी दावा किया है कि दुनिया भर में जितनी मौतें दर्ज की गई हैं, उनसे असल में तकरीबन डेढ करोड़ ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.
दक्षिण एशिया, यूरोप और अमेरिका में ज्यादा मौतें
WHO के अनुसार कोरोना से 84% मौतें दक्षिण एशिया, यूरोप और अमेरिका में हुई हैं. कुल मौतों में से आधी भारत में हुई हैं.