वाराणसी: कोरोना के मामलों में एक बार फिर से उछाल देखने को मिल रहा है. इसका मुख्य कारण कोरोना का ओमिक्रॉन वैरियंट है. हालांकि कम गंभीर होने के कारण ओमिक्रॉन और डेल्टा के लक्षणों में भी काफी अंतर है.
ओमिक्रॉन के मरीज आमतौर पर सबसे पहले गले में खराश की शिकायत कर रहे हैं, उसके बाद नाक बंद होना, सूखी खांसी और शरीर में दर्द का होना है. हालांकि, गले में खराश अक्सर साइनस कंजेशन (Sinus Congestion) और सिरदर्द के साथ हाथ आता है.
हाल ही में नार्वे में हुए एक क्रिसमस पार्टी में शामिल 72 प्रतिशत लोगों में ओमिक्रॉन के वैरियंट की पुष्टि हुई. इन सभी लोगों के गले में खराश की शिकायत पाई गई. इनमें से ज्यादातर लोगों को mRNA वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी. कुछ ऐसे लोग भी थे, जो बूस्टर डोज भी ले चुके थे, उनके लिए ये आम खासी-जुकाम जैसा था. दो दिन बाद वे लोग वापस पहले जैसे हो चुके थे.
एक स्टडी में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पाया कि ओमिक्रॉन संक्रमण का वायरल लोड नाक के स्वैब तक पहुंचने से एक-दो दिन पहले मुंह के लार में रहता है. यही वजह है कि रैपिड टेस्ट में गले की स्वैब से इसकी सटीक जानकारी मिल सकती है.