पंजाब. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच देश में हाहाकार मचा हुआ है. इससे रोजाना कई लोगों की जान जा रही है. इस बीच देश के कई राज्यों के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुलती हुई नजर आ रही है. ऐसे में पंजाब के मोहाली की व्यवस्था भी चरमराई हुई नजर आ रही है.
बता दें कि मोहाली राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्दू का क्षेत्र है. इसके बावजूद यहां स्वास्थ्य व्यवस्था भागवान के ही भरोसे ही है. यहां के गांव-गांव में डिस्पेंसरी है, लेकिन उन पर भी ताले लटके हुए है. संते माजरा गांव की बात की जाए तो यहां कि एक डिस्पेंसरी में सारी सुविधाएं होने का बावजूद यह बंद पड़ा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कभी-कभी सिर्फ आधे घंटे के लिए ही चिकित्सक आते है. गांव के लोगों को कोरोना जांच के लिए शहर जाना पड़ता है लेकिन वहां भी जांच नहीं हो पाती. इस दौरान मंत्री सिद्दू की ओर से लोगों की मदद को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. लेकिन जमीनी हकीकत की बात की जाए तो यह कुछ और ही बयां करती है.
UP में भी हाल-बेहाल
अगर यूपी की राजधानी की बात की जाए तो वहां के दो गांवों का भी हाल कुछ ऐसा ही है. लखनऊ के बक्शी का तालाब इलाके के इंदारा गांव का हाल बेहद ही खराब चल रहा है. यहां सर्दी-बुखार और ऑक्सीजन की कमी से अब तक 15 लोगों की जान जा चुकी है. यहां टेस्टिंग न होने के कारण मौत के कारणों का पता नहीं चल पा रहा है.
बक्शी का तालाब इलाके के कुमरावां गांव के लोगों में तो इतना डर बैठ चुका है कि वह टेस्टिंग कराने ही नहीं जा हैं. लोगों का कहना है कि अगर उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आ गई तो उन्हें इलाज सही से नहीं मिल पाएगा. लेकिन इस बीच प्रशासन कुछ और ही दावा कर रहा है.
बिहार के अकिलपुर पंचायत में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था
बिहार के सारण के अकिलपुर पंचायत की बात की जाए तो यहां 25 हजार आबादी के लिए एक स्वास्थ्य केंद्र है, जिसकी दीवारों पर लिखा है कि किसी भी शिकायत के लिए 104 नम्बर पर डायल करें. इस गांव के कई लोग बीमार है. ऐसे में यहां के स्वास्थ्य केंद्र की बात की जाए तो यहां ना ही मेज है और ना ही कुर्सी, ना दवा है और ना ही इंजेक्शन, या यूं कहें कि कमरा पूरी तरह से खाली है तो गलत नहीं होगा.