नई दिल्ली. केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट को यह सूचना दी गई है कि इस साल दिसंबर तक भारत के पूरे वयस्क यानी 18 पार आबादी को वैक्सीनेशन लगाने का पूरा प्रयास किया जाए, 93 से 94 करोड़ की आबादी के लिए 186 से 188 करोड़ वैक्सीन की जरूरत होगी। इसके लिए भारत में अभी तक मौजूद वैक्सीन और विदेश के वैक्सीन को मंजूरी दी जाएगी। साथ ही 12 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों का जल्द ही कोरोना वैक्सीन आ सकता है। ज़ाइडस कैडिला नाम की एक कंपनी ने इसका ट्रायल लगभग पूरा कर लिया है।
30 जून को सुप्रीम कोर्ट कोरोना के बेहतर इलाज के प्रबंध के लिए सुनवाई की जाएगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से यह पूछा था कि राज्य को वह वैक्सीन क्यों नहीं दे रहे हैं, इस पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया था कि 21 जून से कोरोना टीकाकरण का पूरा जिम्मा केंद्र सरकार उठाएगी। कोरोना टीकाकरण में तेजी लाने के लिए और उत्पादन बढ़ाने का कार्य शुरू कर दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि 31 जुलाई तक 51.6 करोड़ टीके लगभग लगाए जा चुके होंगे। सरकार अगस्त से दिसंबर के बीच 135 करोड़ कोविड वैक्सीन की खरीद करेगी। इसमें 50 करोड़ कोविशील्ड, 40 करोड़ कोवैक्सीन, 30 करोड़ बायो ई, 10 करोड़ स्पुतनिक वी और 5 करोड़ ज़ाइडस कैडिला डीएनए वैक्सीन शामिल है।
केंद्र ने कोर्ट को यह विश्वास भी दिलाया है कि देश में मौजूद डिजिटल डिवाइड से कोरोना टीकाकरण पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई थी कि ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की सुविधा न होने और लोगों को तकनीक की जानकारी न होने से उनके वैक्सीनेशन और स्लाट बुक में समस्या हो सकती है। केंद्र ने कोर्ट को बताया है कि लगभग 74.45 प्रतिशत वैक्सीनेशन सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि जंगली इलाकों में बसे लोगों का भी तेजी से टीकाकरण हो सके।