वाराणसीः दक्षिण कोरिया (South Korea) में गुरुवार को कोरोना (Corona) के रिकॉर्ड 6 लाख से अधिक नए केस मिले. दुनिया के किसी भी देश में कोरोना संक्रमण के एक दिन में अब तक इतने ज्यादा मामले सामने नहीं आए थे. राहत की बात यह है कि नए मामलों की रिकॉर्ड संख्या के बावजूद दक्षिण कोरिया वायरस से सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में शामिल है. सामान्य तौर पर कोरोना संक्रमण की दर बढ़ने पर इसकी मृत्यु दर भी बढ़ जाती है, लेकिन साउथ कोरिया में ऐसा नहीं देखने को मिला है.
कोरिया के वायरस फाइटर्स का कहना है कि देश में बड़े पैमाने पर लगातार हो रही कोविड टेस्टिंग की वजह से संक्रमण के इतने ज्यादा मामले सामने आए हैं. कोरियाई प्रशासन ने एट-रिस्क मामलों की पहचान करने और संक्रमित की हालत गंभीर होने से पहले ही हॉस्पिटल में भर्ती कराने का आदेश दिया है.
सबसे ज्यादा बूस्टर शॉट लगाने वाले देशों में शामिल
दक्षिण कोरिया में टीकाकरण की दर 88% है. साथ ही यह दुनिया में सबसे ज्यादा बूस्टर शॉट लगाने वाले देशों में भी शामिल है. यहां खासतौर से बुजुर्गों को बड़ी संख्या में बूस्टर डोज दी गई है. अत्यधिक वैक्सीनेशन की वजह से यहां मृत्य दर घटकर 0.14% पर आ गई है, जो कि दो महीने पहले 0.88% थी. मौजूदा मृत्यु दर अमेरिका और ब्रिटेन की दरों का दसवां हिस्सा है, हालांकि इसी समय सीमा में संक्रमण मामलों में 80 गुना की वृद्धि हुई है.
कोरोना मामले में है राहत
कोरोना के मामलों के बीच राहत की बात ये है कि नए मामलों की रिकॉर्ड संख्या के बावजूद दक्षिण कोरिया वायरस से सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में शामिल है. आम तौर पर कोरोना संक्रमण की दर बढ़ने पर इसकी मृत्यु दर भी बढ़ जाती है, लेकिन साउथ कोरिया में ऐसा नहीं देखने को मिला है.
दक्षिण कोरोना ने कभी लॉकडाउन नहीं लगाया
कोरिया ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए काफी हद तक अपरंपरागत रणनीति पर काम किया है. पिछली महामारियों से सीखे गए सबक का इस्तेमाल करते हुए, देश ने जल्दी परीक्षण और उच्च तकनीक वाले कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के उपयोग किया. 2020 की शुरुआत के बाद से यहां 8 मिलियन से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, लेकिन कोरिया ने कभी भी लॉकडाउन (Lockdown) नहीं किया. इसने बूस्टर की आपूर्ति को प्राथमिकता देने के लिए उन पहले शॉट्स से परे देखकर यह टीकाकरण की धीमी शुरुआत को दूर करने में कामयाब रहा. साथ ही बूस्टर डोज की सप्लाई पर जोर दिया गया, जिन्हें बुजुर्गों को टारगेट करके इस्तेमाल किया गया.