वाराणसी. टैक्स भरने वालों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. आयकर विभाग द्वारा असेसमेंट ईयर 2021-22 की पर्सनल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की मियाद को बढ़ा दिया है. पहले इसकी डेडलाइन 31 जुलाई थी, जिसे बढ़ाकर अब 31 सितंबर कर दिया गया है.
विभाग द्वारा सर्कुलर जारी करते हुए कहा गया है कि अब नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों को फॉर्म-16 पंद्रह जून के बजाय 15 जुलाई तक मुहैया कराना होगा. बता दें कि फॉर्म-16 आयकर रिटर्न दाखिल करने में मदद करता है. साथ ही इसका इस्तेमाल इनकम के सबूत के तौर पर भी किया जाता है. ये एक प्रकार का सर्टिफिकेट होता है, जिसमें कंपनी द्वारा कर्मचारियों की सैलरी से काटे गए TDS (Tax Deducted at Source) को सर्टिफाई किया जाता है.
इसके अलावा इनकम टैक्स ऑडिट की आखिरी तारीख पहले 31 अक्टूबर थी, जिसे बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है. वहीं, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइनल करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी गई है. जबकि बिलेटेड/रिवाइज्ड ITR दाखिल करने की डेडलाइन को 31 दिसंबर 2021 से बढ़ाकर 31 जनवरी 2022 कर दिया गया है.
बता दें कि बिलेटेड ITR, आयकर अधिनियम 1961 के सेक्शन 139(4) के तहत फाइल किया जाता है. वहीं, रिवाइज्ड ITR को सेक्शन 139 (5) के तहत दाखिल किया जाता है. इसके अलावा वित्तीय संस्थानों के लिए वित्तीय लेनदेन विवरण (SFT) रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा 31 मई से बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है.
नांगिया एंड कंपनी एलएलपी भागीदार शैलेष कुमार का कहना है कि आयकर रिटर्न के मामले में समयसीमा बढ़ाए जाने से टैक्सपेयर्स को कर नियमों के अनुपालन के मामले में थोड़ी राहत मिलेगी.
हालांकि, ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए, जिनकी संपूर्ण आयकर देनदारी TDS और अग्रिम कर के जरिए नहीं चुकाई जाती है और टैक्स लायबिलिटी में 1 लाख रुपये से अधिक का अंतर है. उन्हें आयकर कानून की धारा 234A के तहत ब्याज शुल्क से बचने के लिए संबंधित मूल देय तिथि के भीतर अपना आईटीआर दाखिल करने का प्रयास करना चाहिए. वहीं, मूल देय तिथि के बाद ITR दाखिल करने तक हर महीने 1 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाया जाता है.