वाराणसी: योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद का पदभार संभालते ही विभागों का बंटवारा कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पास राजस्व, गृह और सूचना मंत्रालय को अपने पास रखे हैं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को ग्राम्य विकास समेत 6 मंत्रालय दिए गए हैं. जबकि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं, भाजपा के इकलौते मुस्लिम मंत्री दानिश आजादा अंसारी को अल्पसंख्यक विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
जानें कौन हैं दानिश आजाद?
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बसंतपुर के रहने वाले दानिश आजाद अंसारी योगी कैबिनेट 2.0 में इकलौते मुस्लिम मंत्री हैं. दानिश आजाद अंसारी को योगी सरकार में अल्पसंख्यक विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. दानिश आजाद अंसारी लखनऊ विश्वविद्यालय से 2006 में बीकॉम की पढ़ाई की है. इसके बाद दानिश आजाद मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की. पढ़ाई के दौरान ही करीब 11 साल पहले बीजेपी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए. इसके बाद बलिया के दानिश अपने बुलंद आवाज से सभी को प्रभावित किया.
मालूम हों कि यूपी में जब 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो, एक साल बाद ही दानिश आजाद अंसारी को बीजेपी ने बड़ा इनाम दिया. उनको 2018 में फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी का सदस्य बनाया गया.इसके बाद में उन्हें उर्दू भाषा समिति का सदस्य बना दिया गया. ये एक तरह से दर्जा प्राप्त मंत्री का पद होता है। यूपी चुनाव 2022 से ठीक पहले अक्टूबर 2021 में दानिश को भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारी दी. उनको भाजपाअल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी मिल गई.
दानिश आजाद अंसारी का ABVP में संगठात्मक सहभागिता
दानिश आजाद को वर्ष 2013 में लखनऊ विश्वविद्यालय में इकाई मंत्री का दायित्व मिला.
दानिश आजाद को वर्ष 2013 में लखनऊ विश्वविद्यालय में महानगर सहमंत्री का दायित्व मिला.
दानिश आजाद को वर्ष 2016 में ABVP आयाम विकासार्थ विद्यार्थी के विभाग प्रमुख का दायित्व मिला.
पूर्वांचल में अंसरियों की है बड़ी आबादी
बता दें कि पूर्वांचल में मुस्लिमों में सबसे बड़ी आबादी अंसारी समुदाय की है. संख्या बल में अधिक होने के बावजूद राज्य की राजनीति में इस समुदाय का दखल कुछ खास नहीं है. दानिश आजाद अंसारी भी इसी समुदाय से आते हैं. पूर्वांचल के वाराणसी, आमजगढ़, जौनपुर, मऊ, बलिया आदी जिलों में इस समुदाय का अच्छा खासा प्रभाव है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की नजर ओबीसी मुस्लिम समुदाय पर है, जिन्हें अपने पाले में लाने के लिए बीजेपी तमाम कवायद कर रही है.