लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के सातों चरण का मतदान सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है. यूूपी के विधानसभा चुनाव में सिराथू सीट को हॉट सीट माना जा रहा है. यूपी की इस सबसे चर्चित सीटों से बीजेपी ने यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, दूसरी तरफ सपा-अपना दल (कमेरावादी) गठबंधन ने पल्लवी पटेल को टिकट दिया है. अपना दल (कमेरावादी) की डॉ. पल्लवी पटेल भी साइकिल चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में उतरी और खुद को कौशांबी की बहू बताते हुए बेरोजगारी के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया.
मालूम हों कि 2017 में सिराथू सीट पर कुल 40.07 प्रतिशत वोट पड़े थे और बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी के शीतला प्रसाद ने सपा के वाचस्पति को 26203 वोटों के अंतर से हराया था. वहीं, इस बार सपा उम्मीदवार पल्लवी पटेल ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को कड़ी टक्कर दी है. इस सीट पर सपा-अपना दल (कमेरावादी) ने पटेल, यादव, मुस्लिम और पालों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की. हालांकि, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को चुनौती देना पल्लवी पटेल के लिए आसान नहीं रहा.
प्रयागराज में सिद्धार्थनाथ सिंह की साख
बता दें कि प्रयागराज पश्चिम भी इस चुनाव में हॉट सीट रही है. यहां यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की साख दांव पर है. उन्हें इस चुनाव में सपा की ऋचा सिंह से कड़ी टक्कर मिली है. यहां मुस्लिम मतदाता सबसे ज्यादा हैं. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 85 हजार, पिछड़ी जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 65 हजार और दलित मतदाताओं की संख्या करीब 58,000 हैं. इस सीट पर 40,000 पाल मतदाता भी हैं. 2017 के चुनाव में इस सीट पर सिद्धार्थनाथ सिंह ने सपा की ऋचा सिंह को 25,336 वोट से हराया था. 2017 में सिद्धार्थनाथ सिंह को 85 हजार से ज्यादा वोट हासिल हुए थे. ऋचा सिंह को कुल 60,182 वोट हासिल हुए थे.
बाहुबली नेता अतीक अहमद का आतंक
बता दें कि प्रयागराज पश्चिम विधानसभा सीट पर कभी बाहुबली नेता अतीक अहमद का आतंक कायम था. इस सीट से अतीक अहमद लगातार पांच बार विधायक चुने गए. 1989 से लेकर 2002 तक अतीक अहमद हर चुनाव में जीत दर्ज कर दूसरे दलों के उम्मीदवारों को हराया. 2004 में अतीक अहमद के भाई अशरफ को राजू पाल ने चुनाव हराया था. इस सीट से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन वो तीसरे स्थान पर रहे थे. 2005 में राजू पाल की हत्या के बाद हुए उपचुनाव में पूजा पाल ने अतीक के भाई अशरफ को हराया था. 2017 में पहली बार इस विधानसभा सीट से बीजेपी ने जीत दर्ज करने का मौका मिला.