नई दिल्ली: भारत की वित्त मंत्री (Finance Minister of India) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को कहा कि भारत, रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगा. इसकी वजह है कि भारत के लोगों को वैश्विक कीमतों में उछाल के बाद छूट पर तेल की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत ने रूस से तेल खरीदना शुरू कर दिया है. गैस पर ट्रांजिशन चुनौतीपूर्ण था क्योंकि आपूर्ति कम हो गई थी.
इस बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को कहा कि रूस ने भारत जैसे देशों के साथ राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करने के लिए एक प्रणाली विकसित की है और डॉलर बेस्ड भुगतान प्रणाली से दूर होने के प्रयास तेज किए जाएंगे. सर्गेई लावरोव नई दिल्ली की यात्रा पर हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत के तुरंत बाद लावरोव ने कहा कि रूस अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ द्विपक्षीय व्यापार के लिए बाधाओं को दूर करने के तरीके तलाश रहा है. आगे कहा कि भारत के साथ व्यापार के लिए रुपया-रूबल भुगतान प्रणाली पूर्व में लागू की गई थी और इसे और मजबूत किया जा सकता है. अधिक से अधिक लेनदेन, राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग करके और डॉलर-आधारित प्रणाली को दरकिनार करते हुए किया जाएगा.
रियायती रूसी तेल खरीदने की नई दिल्ली की योजना के बारे में पूछे जाने पर लावरोव ने कहा कि मॉस्को वह कुछ भी देने के लिए तैयार है जो भारत खरीदना चाहता है. रूसी विदेश मंत्री ने यूक्रेन संकट पर भारत के रुख की सराहना करते हुए कहा कि वह एक स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करता है. उन्होंने कहा कि भारत के साथ रक्षा क्षेत्र में रूस अपना सहयोग जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है.
यूक्रेन पर आक्रमण के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिकी और ब्रिटिश अधिकारी रूस के साथ डॉलर बेस्ड वित्तीय प्रणाली को कम करने से बचने और प्रतिबंधों का पालन करने को लेकर भारत पर दबाव डाल रहे हैं.