वाराणसी (उत्तर प्रदेश): सूजाबाद में स्थित पोलाव शहीद बाबा की मजार के पास रविवार की शाम को गुब्बारे में हवा भरने वाला सिलिंडर फटने से महिला सहित दो लोगों की मौत हो गई. जबकि हादसे में चार लोग घायल हो गए. घायलों को बीएचयू स्थित ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया. घटना के दौरान राहगीर बबलू का दाहिना पैर धमाके से उड़ गया. वहीं पिता आसिफ के साथ खरीददारी करने निकली पांच साल की मासूम बच्ची आलिया भी गंभीर रूप से घायल हो गई. मौके पर उपस्थित बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के पुलिस अधिकारियों ने घटनाक्रम की जानकारी ली.
आपको बता दें कि रामनगर थाना क्षेत्र के सूजाबाद में पोलाव शहीद बाबा का मजार है, वहीं शाम के वक्त आदमपुर कोनिया निवासी लल्ला सेठ अपनी ट्राली पर गुब्बारा बेच रहा था. इसी दौरान, गैस सिलिंडर से शाम लगभग साढ़े पांच बजे गुब्बारे में हवा भरने के दौरान अचानक से सिलिंडर से धुंआ उठने लगा.
कुछ लोगों ने इसकी जानकारी सुरेंद्र उर्फ लल्ला सेठ को दी. जब तक लल्ला कुछ समझ पाता, तब तक तेज आवाज के साथ सिलिंडर में धमाका हो गया. विस्फोट इतना तेजी के साथ हुआ कि लल्ला सेठ 10 फीट दूर जा गिरा. शाम का समय होने के कारण बाजार में निकले कई राहगीर भी धमाके के चपेट में आ गए.
इस हादसे में गुब्बारा विक्रेता लल्ला सेठ और गीता देवी नामक एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि चौबेपुर स्थित मायके से भाई को राखी बांधकर कुंडा गांव स्थित अपने घर जाने के लिए ऑटो का इंतजार कर रही थी. यह धमाका इतना तेज था कि इसे एक किलोमीटर दूर तक महसूस किया गया. इसमें राहगीर बबलू का दाहिना पैर उड़ गया.
उसी दौरान सब्जी लेने के लिए पिता आसिफ उर्फ कल्लू के साथ पैदल बाजार निकली आलिया भी गंभीर रूप से घायल हो गई. कुंडा निवासी नवीन के कंधे पर भी काफी चोट आई. धमाके से आसपास के क्षेत्र में काफी अफरा-तफरी का माहौल बन गया. वहीं, सभी घायलों को तत्काल ऑटो से बीएचयू स्थित ट्रामा सेंटर ले जाया गया.
घटना की जानकारी मिलते ही रामनगर थाना और मुगलसराय कोतवाली पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. ट्रामा सेंटर में डीसीपी काशी जोन अमित कुमार ने घायलों के परिजनों से बातचीत कर घटना की जानकारी ली. वहीं, पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने विस्फोट मामले की जांच शुरू करा दी है. माना जा रहा है कि गैस लीकेज होने से यह हादसा हुआ.
गुब्बारें भरने वाले सिलिंडर में भरी होती है हाइड्रोजन गैस
गुब्बारा भरने वाले सिलिंडर में हाइड्रोजन गैस भरी होती है. हाइड्रोजन गैस काफी खतरनाक होती है परंतु सस्ती भी होती है. हाइड्रोजन गैस के सिलिंडर की अपेक्षा एलपीजी गैस के सिलिंडर की क्षमता ज्यादा होती है. हाइड्रोजन सिलिंडर का फटना प्रेशर पर निर्भर करता है. इन सिलिंडरों को तैयार करने में हल्की लोहे की चादर का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में सरेआम मौत का सामान लेकर घूमने वालों के खिलाफ पुलिस प्रशासन भी कार्रवाई करने से बचता है.