उत्तर प्रदेश के किसानों (Uttar Pradesh Farmers) की मेहनत रंग ला रही है. सब्जी उत्पादन (Vegetable Production) के मामले में राज्य एक बार फिर नंबर एक पर पहुंच गया है. पहले भी देश में सब्जी उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) टॉप पर रहता था, लेकिन हाल के वर्षों में राज्य पिछड़ गया था और पश्चिम बंगाल (West Bengal) ने नंबर वन की पॉजिशन हासिल कर ली थी. लेकिन दो साल बाद उत्तर प्रदेश फिर एक बार टॉप पर पहुंच गया है और दोनों के बीच का अंतर 10 लाख टन के आसपास है. वहीं फल उत्पादन (Fruit Production) की बात करें तो आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) पहले नंबर पर बरकरार है.
लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, फसल वर्ष 2021-22 में उत्तर प्रदेश में सब्जी का उत्पादन 2.958 करोड़ टन रहने का अनुमान है. बीते वर्ष यह आंकड़ा 2.916 करोड़ टन रहा था. सब्जी फसल वर्ष जून से लेकर जुलाई तक चलता है. वहीं पश्चिम बंगाल के सब्जी उत्पादन में ठीक-ठाक गिरावट आने की संभावना है. पिछले साल राज्य में 3.03 करोड़ टन उत्पादन हुआ था, जबकि इस बार 2.823 करोड़ टन रहने का अनुमान है. बाढ़ के कारण पश्चिम बंगाल के किसानों पर व्यापक असर पड़ा है, जिसका असर उत्पादन पर देखने को मिल रहा है.
उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाद प्रमुख सब्जी उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र शामिल हैं. अनुमान के मुताबिक, इस फसल वर्ष मध्य प्रदेश में 2.059 करोड़, बिहार में 1.777 करोड़ और महाराष्ट्र में 1.678 करोड़ टन सब्जी उत्पादन हो सकता है. अगर पूरे देश की बात करें तो पिछले साल के मुकाबले सब्जी उत्पादन में गिरावट देखी जाएगी. बीते वर्ष 20 करोड़ टन से ज्यादा सब्जी का उत्पादन हुआ था, जो इस बार घटकर 19.98 करोड़ टन रह सकता है.
वहीं फल उत्पादन की बात करें तो आंध्र प्रदेश टॉप पर बरकरार रहेगा. राज्य में इस फसल वर्ष में 1.8 करोड़ टन फल उत्पादन का अनुमान है. पिछले साल यह आंकड़ा 1.777 करोड़ टन था. वहीं महाराष्ट्र इस मामले में दूसरे पायदान पर रहेगा. राज्य में कुल 1.23 करोड़ टन फल उत्पादन हो सकता है. उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां पर 1.26 करोड़ टन, कर्नाटक में 85.5 लाख टन और गुजरात में 82.4 लाख टन फल उत्पादन की संभावना है.
आंकड़ों से पता चलता है कि देश में बागवानी फसलों के उत्पादन में मामूली गिरावट आ सकती है. अनुमान के मुताबिक, इस बार बीते साल के मुकाबले 0.4 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है और कुल उत्पादन 33.325 करोड़ रह सकता है. आलू का रकबा घटने के कारण बागवानी फसलों के उत्पादन में गिरावट की बात कही जा रही है. एक तरफ आलू और टमाटर के उत्पादन में कमी की संभावना है तो दूसरी तरफ प्याज में बढ़ोतरी का अनुमान है.