लखनऊ: यूपी चुनाव में मिली हार के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज लखनऊ में पत्रकारों से बातचीज करते हुए अपनी हार को स्वीकार करते हुए कहा कि जीत और हार लोकतंत्र के दो पहलू हैं. हार को भी खुले मन से स्वीकार करता हूं. बेटी संघमित्रा के सपा में शामिल होने को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर कोई मेरी यात्रा में शरीक होना चाहेगा तो उसका स्वागत है. बता दें कि चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य यूपी चुनाव में अपनी सीट भी नहीं बचा सके. स्वामी प्रसाद मौर्य को फाजिलनगर विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ रहे सुरेंद्र सिंह कुशवाहा ने बड़े अंतर से हरा दिया.
नाग और सांप ने जीतने नहीं दिया
पत्रकारों से बातचीज के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने सांप और नेवले का किस्सा सुनाते हुए कहा, हमेशा बड़ा तो नेवला ही होता है. यह बात अलग है कि नाग और सांप दोनों ने मिलकर नेवले को जीतने नहीं दिया.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर मैंने बीजेपी का साथ छोड़ा था वो आज भी जीवंत हैं. मैं उन मुद्दों को जन जन तक नहीं पहुंचा पाया हूं. उन्होंने आगे कहा कि हमें खुशी है कि समाजवादी पार्टी का जनाधार तेजा के साथ आगे बढ़ा, विधायकों की संख्या भी बढ़ी, सपा बड़ी ताकत बनकर उभरी है. सपा को और बड़ी ताकत बनाने के लिए ये अभियान जारी रहेगा.
हार पर होगा मंथन
उत्तर प्रदेश चुनाव में मिली हार पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि क्यों हारे, क्यों जीते इस पर विशाल मंथन होगा. बीजेपी का साथ छोड़ने का मुझे मलाल नहीं है, बीजेपी सरकार बनने का भी मुझे मलाल नहीं है. जो भी मैंन बोला है, उस पर सवाल तो खड़ा ही होगा. वहीं, बेटी संघमित्रा को लेकर मौर्य ने कहा कि सबको अपने मन से पार्टी और विचाराधारा चुनने का अधिकार है लेकिन अगर कोई मेरी यात्रा में शरीक होना चाहेगा तो उसका स्वागत है.