नई दिल्लीः कांग्रेस (Congress) की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने लोकसभा (Lok Sabha) में कहा कि कुछ साल पहले कई लोगों ने महात्मा गांधी मनरेगा (Mahatma Gandhi MNREGA) का मजाक उड़ाया था, उसी मनरेगा ने कोरोना और लॉकडाउन में करोड़ों प्रभावित गरीबों को ठीक समय पर मदद करते हुए सरकार की बचाव में सकारात्मक भूमिका निभाई. फिर भी मनरेगा के लिए आवंटित बजट में लगातार कटौती की जा रही है. उन्होंने कहा कि इससे मजदूरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार को पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित करनी चाहिए.
सोनिया गांधी ने कहा कि इस साल मनरेगा का बजट साल 2020 की तुलना में 35% कम है जबकि बेरोज़गारी लगातार बढ़ रही है. बजट में कटौती से कामगारों के भुगतान में देरी होती है जिससे सुप्रीम कोर्ट ने बंधुआ मजदूरी (forced labour) मना है. इसके साथ ही राज्यों की वार्षिक कार्य योजनाओं को बिना किसी देरी के तुरंत निर्धारित किया जाए.
सरकार ने सोनिया गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मनरेगा के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन हुआ है और संप्रग सरकार के समय न केवल आवंटन कम होता था बल्कि भ्रष्टाचार भी होता था. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि यूपीए के समय में जो बजट होता था उतना भी खर्च नहीं होता था लेकिन आपदा के समय मोदी सरकार ने 1 लाख करोड़ रु.से ज्यादा बजट का प्रावधान किया. हमने जियोटैगिंग शुरु की और इस पर कार्रवाई करने का काम किया. आज बटन दबाने से मनरेगा मजदूरों के खाते में पैसा जाता है.