नई दिल्ली. पीएम मोदी ने आज शाम 5 बजे देश को संबोधित किया. इसके बाद से अब विपक्ष ने पीएम पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पीएम के संबोधन पर तंज कसते हुए कहा कि ”प्रधानमंत्री के मुंह से झूठ और हल्की बात सुनकर मन को बहुत पीड़ा होती है.” वहीं, राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर सवाल पूछा है कि अगर वैक्सीनेशन सभी के लिए मुफ्त है तो फिर निजी अस्पताल पैसे क्यों लें?
One simple question-
If vaccines are free for all, why should private hospitals charge for them? #FreeVaccineForAll
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 7, 2021
उधर, CPI (M) ने ट्वीट कर लिखा है कि राज्यों के दबाव और सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के बाद पीएम मोदी गलत वैक्सीनेशन नीति को वापस लेने के लिए मजबूर हो गए. मुफ्त वैक्सीनेशन की मांग अंतत: स्वीकार की जानी थी, लेकिन वैक्सीनेशन की किल्लत के बीच 25 प्रतिशत वैक्सीन निजी अस्पतालों को देने का फैसला गलत है, सीपीआईएम इसका विरोध करती है.
#PMModi forced to withdraw faulty vaccine policy in light of criticism from Supreme Court & push back from States. The demand for Free Vaccines had to be finally accepted.
But in time of vaccine shortage totally wrong to give 25% to private hospitals – CPIM opposes this.— CPI (M) (@cpimspeak) June 7, 2021
वहीं, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी पीएम के वैक्सीनेशन को लेकर किए गए ऐलान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि देर आए दुरुस्त आए. अब उम्मीद है कि राज्यों को उनकी डिमांड के मुताबिक वैक्सीन की सप्लाई मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद यह डैमेज कंट्रोल और छवि सुधारने का प्रयास है.
Thanks to @PMOIndia for another episode of an unnecessary lecture that could have been a press release. Reversal of vax policy seems to be result of SC's order. Although blame of a terrible vaccine policy has been put on states, it's Modi who failed to ensure vax supply 1/n
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 7, 2021
ओवैसी ने ट्वीट किया कि एक और गैर जरूरी भाषण के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया. यह जानकारियां प्रेस रिलीज के जरिए भी दी जा सकती थीं. वैक्सीनेशन की नीति में बदलाव सुप्रीम कोर्ट के आदेश का नतीजा लगता है. फिर भी वैक्सीन नीति को लेकर राज्यों पर आरोप लगाया गया है. जबकि वैक्सीनेशन को लेकर मोदी सरकार फेल हुई है.