वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) का दौर जारी है. वहीं, पहले और दूसरे चरण का मतदान भी संपन्न हो चुका है. अब तक हुए दो चरणों के महत्वपूर्ण चुनावों में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है और सारी लड़ाई का जिम्मा राज्य की प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने लिया है.
प्रियंका गांधी कांग्रेस की स्टार प्रचारक
मालूम हो कि पार्टी जितनी सीटों की उम्मीदें कर रही थी उसे उतनी सीटें नहीं मिलेगी. राज्य में पार्टी पिछले दो दशकों में अपने दम पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में प्रियंका गांधी वाड्रा सबसे बड़ी स्टार प्रचारक बनी हुई हैं. वहीं, वाराणसी में बुधवार को रविदास जयंती के मौके पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का शिरकत करने का कार्यक्रम है, लेकिन अभी तक पार्टी की तरफ से कोई चुनाव प्रचार कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है.
पंजाब में अधिक सीटें मिलने के आसार
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंजाब में चुनाव होने के बाद राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश चुनाव अभियान में हिस्सा लेने की उम्मीद है. कांग्रेस ने वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर उत्तर प्रदेश का चुनाव लड़ा था, लेकिन बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था और मात्र सात सीटें ही मिली थी. इसके बाद वर्ष 2019 में कांग्रेस की हालत और खराब हुई थी और राहुल गांधी को अपने गढ़ अमेठी में हार का सामना करना पड़ा था.
दरअसल, दिसंबर 2021 में राहुल गांधी ने अमेठी का दौरा किया था और प्रियंका गांधी के साथ प्रतिज्ञा यात्रा में शिरकत करते हुए कहा था कि यह उनका घर है और कोई भी उन्हें यहां से जाने को मजबूर नहीं कर सकता है.
स्मृति ईरानी से हार गए थे राहुल
बता दें कि अमेठी से 2004 में राहुल गांधी ने पहली बार चुनाव लड़ा था और वह लगातार यहां से 2014 तक जीतते रहे थे, लेकिन 2019 में भारतीय जनता पार्टी से वो हर गए. उस समय बीजेपी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी थी. राहुल गांधी ने कहा था कि अमेठी की सड़कें पहले जैसी हैं लेकिन यहां के लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है. हम अभी भी अन्याय के खिलाफ है.