वाराणसी: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आयुष विश्वविद्यालय के बाद महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की भी सौगात दे दी है, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने हाथों से गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया, साथ ही उन्होनें कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत का इतिहास गौरवशाली रहा है. नई शिक्षा नीति ऐसी बनी है कि इससे विद्यार्थी का मनोबल बढ़ेगा, चरित्र निर्माण के साथ उसका सम्पूर्ण विकास होगा.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वर्ष 2018 में जब मैं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के स्थापना समारोह में आया था तो उस दौरान गोरखपुर को सिटी ऑफ नॉलेज बनाने का सुझाव दिया था. मुझे बहुत ही खुशी है तीन वर्षों से कम समय में गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है और यह शहर सिटी ऑफ नॉलेज की तरफ एक कदम आगे बढ़ा है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के लोकार्पण के अवसर पर कहा कि 1934 में ब्रम्हलीन महंत दिग्विजय नाथ ने शिक्षा का प्रकल्प शुरू किया था. राष्ट्रपति ने 2018 में सिटी ऑफ नॉलेज बनाने का सुझाव दिया था, उसी का हिस्सा है, यह महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय.
वहीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि गोरखपुर का इतिहास कितना गौरवशाली रहा है, वर्तमान भी उतना ही प्रेरक है. चौरी चौरा कांड के एवं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक एवं दिग्विजय नाथ महाराज ने गोरखनाथ मंदिर को धर्म एवं आध्यात्मिक के केंद्र के रूप में विकसित किया और सन् 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की थीं. शिक्षा परिषद अपनी संस्थाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक विज्ञान की शिक्षा देने के साथ उनके समग्र व्यक्तित्व के विकास का ध्यान भी दिया जाता है. आज महामहिम राष्ट्रपति महोदय द्वारा महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर का लोकार्पण किया गया है, इसका उद्देश्य गोरखपुर सिटी आफ नॉलेज बनाने का है.
उन्होंने आगे कहा कि सूर्य और चंद्रमा की तरह लोक कल्याण हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए, विश्वविद्यालय का चिन्ह (लोगो) भी यही संकेत देता है. पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त है, हमारे पीएम ने नई शिक्षा और चिकित्सा के लिए नई शिक्षा नीति प्रदान की है. यह विश्वविद्यालय पहले सत्र में ही नर्सेज, पैरा मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने जा रहा है.