अयोध्या (उत्तर प्रदेश). राम मंदिर जमीन विवाद में एक नया खुलासा हुआ है. जिस दिन राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से दो करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में खरीदी गई, उसी दिन हरीश पाठक और कुसुम पाठक से दूसरी जमीन भी खरीदी गई थी.अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा 18 मार्च को गाटा संख्या 242, 243, 244 और 246 से खरीदी गई थी. इसके अलावा 1.208 हेक्टेयर जमीन पहले हरीश पाठक और कुसुम पाठक के द्वारा सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को दो करोड़ में बेची गई थी.
जहां एक तरफ राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा जमीन खरीदी गई. वहीं, दूसरी तरफ 18 मार्च को ही कुसुम पाठक और हरीश पाठक से ट्रस्ट ने सीधे खरीदी थी और 1.037 हेक्टेयर की इस जमीन का गाटा संख्या 242 था. इतना ही नहीं, 695.678 स्कवायर मीटर जमीन कौशल्या भवन के यशोदा नंदन और कौशल किशोर त्रिपाठी ने 11 मई को इन टुकड़े से राम मंदिर ट्रस्ट को मुफ्त में दे दिया था. मुख्य बात यह है कि जमीन सौदों में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह थे.मंदिर के ट्रस्ट के द्वारा 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में खरीदी गई थी. जबकि उसका सर्किल रेट 5 करोड़ 80 लाख ही था, जो मार्केट रेट से काफी काम है.
राजस्व विभाग से एक बड़े अवसर अफसर के मुताबिक, अगर सरकार जमीन लेती है तो सारी क्षेत्र में सर्किल रेट दोगुना और ग्रामीण क्षेत्र में 4 से गुना ज्यादा मुआवजा नहीं दिया जाता पर राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा अयोध्या में जो जमीन खरीदी गई है. वह सर्किल रेट से तीन गुना रेट पर ली गई है और जब कोई निजी व्यक्ति संस्था या ट्रस्ट जमीन खरीदती है तो कम से कम कीमत देने की कोशिश करती है, जिससे उसका पैसा बच सके, लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट ने जो जमीन खरीदी है वो सर्किट रेट से तीन गुना ज्यादा देने का आरोप लगाया जा रहा है.