लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद विधानपरिषद की तैयारियां चल रही हैं. वहीं इन सब के बीच एमएलसी चुनाव के प्रत्याशी अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. फर्जी एड्रेस पर हथियार लाइसेंस लेने के मामले में एमपी/एमएलए एफटीसी कोर्ट ने अक्षय प्रताप को 7 साल की सजा सुनाई हैै. साथ ही कोर्ट ने 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.
बता दें, कोर्ट ने 15 मार्च को ही अक्षय प्रताप को दोषी करार दे दिया था. 23 मार्च को सजा सुनाई जानी थी. बुधवार को भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में अक्षय प्रताप को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में अक्षय प्रताप के समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा.
अक्षय प्रताप को 7 साल की सजा
एमएलसी अक्षय प्रताप के वकील ने कोर्ट की कार्यवाही शुरू होते ही न्यायधीश को एक प्रार्थना पत्र देते हुए हाईकोर्ट की कुछ रूलिंग का हवाला देकर प्रार्थना पत्र के निस्तारण का अनुरोध किया, लेकिन एमपी /एमएलए कोर्ट ने अक्षय प्रताप को कोई राहत न देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया. मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया था. सजा सुनाए जाने के बाद पूरे कोर्ट में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है. सजा सुनाए जाते समय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी कोर्ट में मौजूद रहे.
बता दें, अक्षय प्रताप, राजा भैया के करीबी होने के साथ ही उनके रिश्तेदार भी हैं. वे राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल से एमएलसी के उम्मीदवार थे. उन्होंने नामांकन भी भर दिया था. अक्षय प्रताप को जेल होने के साथ ही माना जा रहा है कि राजा भैया की पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है. अक्षय प्रताप लगातार तीन बार से एमएलसी निर्वाचित होते आ रहे हैं. माना जा रहा है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनका नामांकन पत्र निरस्त किया जा सकता है.