उत्तर प्रदेश: यूपी के नोएडा सेक्टर-93 में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत बन रही इन इमारतों के निर्माण में कई नियमों की अनदेखी हुई है. बिल्डिंग में केवल 9 मंजिल ही बनाई जानी थीं, लेकिन बिल्डर्स ने 40 फ्लोर की दो इमारतें खड़ी कर दीं. जिसके बाद इस अवैध रूप से बनाए गए ट्विन टावर को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है. हाई टेक मशीन के साथ-साथ इंजीनियर सहित 100 लोगों की टीम मौके पर पहुंच गई है और काम चालू हो गया है.
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने मीटिंग का टावर ध्वस्त करने की समय सीमा तय करने का आदेश दिया था, जिसके बाद डिमॉलिशन के लिए 20 फरवरी से 22 मई तक का समय अलॉट किया गया था. वहीं, टावर के ध्वस्तीकरण के बाद 22 अगस्त तक मलवा हटाने का काम चलेगा.
1335 करोड़ रुपये का मलवा
जानकारी के लिए बता दें कि ये ट्विन टावर लगभग 1755 करोड़ रुपये की लागत से ध्वस्त किया जाएगा. वहीं, इसमें से करीब 1335 करोड़ रुपये का मलवा निकलेगा.
नियमों का हुआ था उल्लंघन
बता दें कि टावर निर्माण में कई नियमों को ताक पर रखा गया. दोनों बिल्डिंग्स के बीच में सुरक्षित दूरी रखी जानी थी, जोकि नहीं हुआ. वहीं, नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का पालन भी नहीं किया गया. इसके अलावा, इसके तहत लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. इस शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों इमारतों को पिछले साल अगस्त में गिराने का आदेश दिया था. हालांकि, जनवरी तक भी इसको लेकर काम शुरू नहीं हुआ. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक बिल्डरों को कड़ी फटकार लगाई और खरीदारों को उनका पैसा फरवरी तक वापस करने का आदेश दिया. तय समय तक पैसे न लौटाने पर जेल भेजने की चेतावनी दी गई थी.