वाराणसीः खुद को नंबर 1 और डेंटिस्टों को सुझाया टूथपेस्ट बताने वाले सेंसोडाइन टूथपेस्ट (Sensodyne Toothpaste) को भारी कीमत चुकानी पड़ी है. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority) ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए सेंसोडाइन टूथपेस्ट पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सीसीपीए की तरफ से जारी सूचना में कहा गया है कि सेंसोडाइन कंपनी ने उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापन दिखाए हैं.
7 दिन के अंदर विज्ञापनों को हटाने का निर्देश
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने सेंसोडाइन (Sensodyne) को अपनी सभी भ्रामक विज्ञापनों को सात दिन के अंदर सभी प्लेटफॉर्म जैसे टीवी, ओटीटी, यूट्यूब, सोशल मीडिया सभी जगहों से हटाने का निर्देश दिया है. मंगलवार को जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में सेंसोडाइन के ‘दुनियाभर में डेंटिस्टों के रेकमेंडेड’ और ‘दुनिया का नंबर एक सेंसेटिविटी टूथपेस्ट’ का दावा करने वाले विज्ञापन को सात दिन के अंदर हटाने के लिए कहा गया है.
बता दें कि सेंसोडाइन टूथपेस्ट खुद को विदेशी डेंटिस्टों का समर्थन दिखाने वाले विज्ञापन दिखाता है, जिसको लेकर सीसीपीए के पारित आदेश के मुताबिक बंद करने का आदेश दिया गया है. गौरतलब है कि निधि खरे की अध्यक्षता वाले सीसीपीए ने हाल में सेंसोडाइन उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ आदेश पारित किया था.
सेंसिटिविटी से 60 सेकेंड में आराम वाली लाइन की भी जांच
इसके साथ ही सेंसोडाइन (Sensodyne) ने विज्ञापन में 60 सेकेंड में सेंसिटिविटी को खत्म करने का दावा किया था और ये भी बताया है कि इसकी पुष्टि डॉक्टरों ने ने की है. सीसीपीए ने भारत के औषधि महानियंत्रक और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को जांच के लिए कहा. संगठन ने कंपनी को कॉस्मेटिक लाइसेंस जारी करने वाले सिलवासा के अपने सहायक औषधि नियंत्रक से जांच शुरू करवाई, जो अभी जारी है.
इन विज्ञापनों पर भी लगी रोक
इससे पहले केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने Naaptol से “सेट ऑफ 2 गोल्ड ज्वेलरी”, “मैग्नेटिक नी सपोर्ट” और “एक्यूप्रेशर योगा स्लिपर्स” के विज्ञापनों को बंद करने का भी आदेश दिया था. उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने नापतौल से उन बिजनेस प्रैक्टिस को भी बंद करने को कहा जिसमें वह प्रोडक्ट्स की कृत्रिम रूप से कमी पैदा करते हैं.