पूर्वी लद्दाख: भारतीय और चीनी सैनिकों में पूर्वी लद्दाख में पेट्रोल प्वाइंट 17-ए के पास गोगरा क्षेत्र से पीछे हटने पर सहमति बन गई है. गोगरा से पीछे हटने के लिए भारत-चीन की सेनाओं के बीच 12वें दौर की बातचीत में सहमति बनी.
दरअसल, भारत और चीन के बीच शुक्रवार को सीमा विवाद को लेकर बीते दिन 12वें राउंड की बातचीत हुई. इस 12वें राउंड की वार्ता के बाद दोनों देशों के सैनिक गोगरा में पीछे हैं. इसके साथ ही गोगरा में निर्मित सभी अस्थायी ढा़ंचे को भी हटा दिया है.
इस बाबत भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में बताया गया था कि भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच 12वें राउंड की बैठक 31 जुलाई को हुई थी. यह बैठक पूर्वी लद्दाख के चुशुल मोल्डो मीटिंग प्वाइंट पर हुई थी. इसमें दोनों पक्षों के बीच सीमा पर तनाव कम करने को लेकर विचारों का गहन और स्पष्ट आदान-प्रदान हुआ, जिसमें दोनों पक्ष गोगरा एरिया से पीछे हटने को लेकर सहमत हुए हैं.
बता दें कि इस क्षेत्र में पिछले साल मई में सैनिक आमने-सामने आ गए थे, जिसके बाद अब दोनों सेनाओं में बातचीत शुरू हुई और दोनों पक्ष इस क्षेत्र से पीछे हटने पर राजी हो गए. समझौते के अनुसार, दोनों पक्षों ने चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से इस क्षेत्र में अग्रिम तैनाती बंद कर दी है.
पीछे हटने की प्रक्रिया दो दिनों में की गई थी यानी कि 4 और 5 अगस्त को. फिलहाल अब दोनों पक्षों के सैनिक अब अपने-अपने स्थायी ठिकानों में हैं. दोनों पक्षों द्वारा क्षेत्र में बनाए गए सभी अस्थायी ढांचे और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया है.
सेना के बयान के मुताबिक, यह समझौता सुनिश्चित करता है कि दोनों पक्षों द्वारा इस क्षेत्र में एलएसी का कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाएगा. यथास्थिति में कोई एकतरफा बदलाव नहीं है. दोनों पक्षों ने वार्ता को आगे बढ़ाने और पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शेष मुद्दों को हल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.
सेना ने कहा कि इंडियन आर्मी सेना ITBP के साथ पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ राष्ट्र की संप्रभुता सुनिश्चित करने और शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. गौरतलब है कि इसके पहले पैंगोंग झील एरिया से भी चीन और भारत की सेना पीछे हटी थीं.