भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) एयरपोर्ट पर बीते साल एक विमान दुर्घटना हो गया था. अब इस मामले में एमपी की राज्य सरकार ने पायलट को 85 करोड़ रुपए बिल का नोटिस थमाया है.
बता दें कि यह विमान उस वक्त हादसे का शिकार हो गया था जब कोरोना की दूसरी लहर के हाहाकार के बीच वो कुछ दवाइयां और इंजेक्शन लेकर ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंड कर रहा था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पायलट कैप्टन माजिद अख्तर (Captain Majid Akhtar) को कोरोना महामारी के दौरान सराहनीय कार्य के लिए कोरोना योद्धा करार दिया गया था और इन्हीं पायलट को यह 85 करोड़ का भारी भरकम बिल थमाया गया है.
पायलट के खिलाफ आरोप तय
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार के राजकीय विमान (बी-200जीटी/वीटी एमपीक्यू) के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में MP सरकार ने विमान के पायलट कैप्टन माजिद अख्तर के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. उन्हें हादसे के लिए दोषी मानते हुए शासन ने 85 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस थमाया है.
पायलट को भेजा गया नोटिस
फैसले से पहले भी पायलट को एक नोटिस दिया गया था जिसमे लिखा था कि इस विमान की रिपेयरिंग पर अब तक करीब 23 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. इस तरह सरकार को 85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. कैप्टन माजिद को जारी आरोप पत्र में कहा गया था कि क्यों न इस लापरवाही के कारण हो रहे नुकसान की भरपाई आपसे की जाए.
पायलट ने दी सफाई
वहीं, पायलट ने 85 करोड़ रुपये का बिल मिलने पर आरोप लगाया है कि उसे एयरपोर्ट पर लगे बैरियर के बारे में सूचित नहीं किया गया था, जिसके कारण वह दुर्घटना हुई. मीडिया से बात करते हुए पायलट ने उस विमान के संचालन से पहले बीमा नहीं होने की जांच की मांग की है.
क्या था मामला?
बता दें कि MP सरकार का यह विमान कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए गुजरात से रेमडेसिविर इंजेक्शन समेत दवाओं के करीब 71 बॉक्स लेकर 7 मई 2021 को लौट रहा था. ग्वालियर हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान हादसा हुआ था. विमान लैंडिंग के समय रनवे से करीब तीन सौ फीट पहले लगे अरेस्टर बैरियर से टकरा गया था. जिससे विमान के काकपिट के आगे का हिस्सा, प्रापलर ब्लेड क्षतिग्रस्त हुए थे. जिनमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं रह गई थी.