करनाल (हरियाणा): किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज का मामला अभी शांत नहीं हुआ है. गुस्साएं किसान अब करनाल के घरौंडा में महापंचायत कर रहे हैं. जिसकी अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी कर रहे है. जिसके दौरान महापंचायत में किसान संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी खास तौर पर शामिल होंगे.
जानकारी के अनुसार, करनाल के घरौंडा में होने वाली इस महापंचायत में प्रदेश के 17 किसान संगठन के लोग भी शामिल होंगे. इस दौरान 28 अगस्त को बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध के लिए अगली रणनीति तैयार की जाएगी. इस महापंचायत को लेकर किसान रातभर तैयारी में जुटे रहे. किसानों की इस महापंचायत में प्रदेशभर से करीब 10 हजार से ज्यादा किसानों के पहुंचने की संभावना दिख रही है.
यह है पूरा मामला
आपको बता दे कि 28 अगस्त को पंचायती चुनाव को लेकर बीजेपी की संगठन मीटिंग का आयोजन करनाल में किया गया था. जिसके दौरान किसी भी रास्ते से शहर में प्रवेश करने पर रोक लगाई गई थी, और वहीं, किसानों ने बीजेपी नेताओं को काले झंडे दिखाकर विरोध जताने की तैयारी की थी. इसके लिए वे शहर में आना चाह रहे थे लेकिन, पुलिस ने उन्हें घुसने नहीं दिया था.
जिसके कारण किसानों ने टोल से ही बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ को काले झंडे दिखाए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. कुछ समय के बाद दूसरे नेताओं का विरोध जताने के लिए किसानों ने टोल की क्रॉसिंग पर जाम लगा दिया. जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान बचने के लिए किसान खेतों में भागने लगे, लेकिन पुलिस जवानों ने खेतों में भी किसानों का पीछा किया और लाठी-डंडों से उनकी पिटाई की. इसके बाद माहौल गरम हो गया.
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने विरोध जताते हुए पूरे प्रदेश में किसानों से अपील करके जाम लगवा दिया. चढूनी की अपील पर जब तक किसानों को रिहा नहीं किया गया, तब तक किसानों ने प्रदेश में लगाए जामों को नहीं खोला, लेकिन अभी किसान मांग कर रहे हैं कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले करनाल एसडीएम को निलंबित किया जाए. इसी कड़ी में आज करनाल के घरौंडा में हजारों की संख्या में किसानों की महापंचायत हो रही है. जिसमें किसान सरकार के खिलाफ आगे की रणनीति तैयार करेंगे.