वाराणसी: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का आज पीएम मोदी ने लोकार्पण किया। इस प्रोजेक्ट का शिलांन्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च 2019 को किया था। ऐसे में आज काशी में शिव दीपावली मनाई गई, जिसमें घाटों पर 11 लाख दीए प्रज्जवलित किए गए। इसमें शिक्षा विभाग ने भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी ओर से विभिन्न प्रकार की रंगोलियां और बहुत सारी तैयारियां की गई थी।
अब हम काशी विश्वनाथ धाम की कुछ खास बातें आपको बताते है। विश्वनाथ कॉरिडोर करीब 5 लाख स्कवॉयर फीट में बना हुआ है। यह कॉरिडोर कुल 900 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुआ है।
अब काशी विश्वनाथ मंदिर आने-वाले श्रद्धालुओं को गलियों और तंग संकरे रास्तों से नहीं गुजरना पड़ेगा। यह कॉरिडोर बनने के बाद गंगा घाट से सीधे कॉरिडोर के रास्ते बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए जा सकेंगे।
आपको बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। इस भव्य कॉरिडोर में छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं। इस पूरे कॉरिडोर को लगभग 50,000 वर्ग मीटर के एक बड़े परिसर में बनाया गया है। इस कॉरिडोर को 3 भागों में बांटा गया है। इसमें 4 बड़े-बड़े गेट और प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं, जिसमें काशी की महिमा का वर्णन किया गया है।
इसके अलावा इस कॉरिडोर में मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, तीन यात्री सुविधा केंद्र, चार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपस हॉल, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी जैसी सुख-सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है। इसमें चुनार के गुलाबी पत्थर, मकराना के सफेद मार्बल और वियतनाम के खास पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।
इस कॉरिडोर के बनने के बाद श्रद्धालु 50 फीट की सड़क से गंगा किनारे से बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे। काशी विश्वनाथ धाम में महादेव के प्रिय पौधे रुद्राक्ष, बेल, पारिजात, वट और अशोक लगाए जाएंगे।