लखनऊ (उत्तर प्रदेश): यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी के दिग्गज नेता कल्याण सिंह का आज शनिवार को निधन हो गया। लखनऊ स्थित पीजीआई में उनका इलाज चल रहा था। बीते दो दिनों से उनकी हालत काफी गंभीर चल रही थी। कल्याण सिंह के इलाज में दिल, गुर्दा, डायबिटीज, न्यूरो, यूरो, गैस्ट्रो और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग समेत 12 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी में लगी हुई थी। अस्पताल में पूर्व मुख्यमंत्री के परिवारजन भी मौजूद थे।
बीते 21 जून को किया गया था अस्पताल में भर्ती
कल्याण सिंह को 21 जून को लखनऊ के लोहिया संस्थान में भर्ती किया गया था। 4 जुलाई को जब सबसे पहले उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई थी तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने पहुंचे थे। थोड़ी देर बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्या सहित प्रदेश सरकार के कई मंत्री भी अस्पताल कल्याण सिंह का हालचाल लेने गए थे। तबीयत में सुधार न होने के बाद उसी दिन उन्हें PGI शिफ्ट किया गया था।
कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम तेजपाल लोधी और माता का नाम सीता देवी था। कल्याण सिंह 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (1991 व 1997) और कई बार अतरौली के विधानसभा सदस्य के रूप में चुने गए। इतना ही नहीं, कल्याण सिंह लोकसभा सांसद भी रहे। इसके साथ ही वे राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। इनके पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ही बाबरी मस्जिद की घटना घटी थी।
कल्याण सिंह ने पहली बार अतरौली विधान सभा इलाके से 1967 में चुनाव जीता और लगातार 1980 तक विधायक रहे। 1980 के विधानसभा चुनाव में कल्याण सिंह को कांग्रेस के टिकट पर अनवर खां ने पहली बार पराजित किया। लेकिन बीजेपी के टिकट पर कल्याण सिंह ने 1985 के विधानसभा चुनाव में फिर कामयाबी हासिल की। तब से लेकर 2004 के विधानसभा चुनाव तक कल्याण सिंह अतरौली से विधायक रहे।
दूसरी बार सत्ता में आने के बाद कल्याण सरकार ने ज़ोर दिया कि स्कूलों में सारी प्राथमिक कक्षाओं की शुरुआत भारतमाता पूजन से शुरू हो। ‘यस सर’ की जगह ‘वंदे मातरम’ बोला जाए। फरवरी 1998 में सरकार ने राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े लोगों से मुकदमे वापस ले लिए। घोषणा भी हुई कि अगर केंद्र में सरकार आई तो मंदिर वहीं बनाएंगे।