हरदोई(उत्तर प्रदेश). जैसा कि हम जानते हैं हमारे देश में मां को भगवान की तरह पूजा जाता है, तो आखिर उस मां की क्या मजबूरी रही होगी कि उसने इतना बड़ा कदम उठाया। हम बात कर रहे हैं हरदोई की जहां अपने बच्चे को खाना देने में असमर्थ मां ने अपने बच्चे को दफनाने की कोशिश की। अब इस मामले को प्रशासन झूठा दावा कर रही है। पर बच्चे की तस्वीर देख सारा सच सामने आ जा रहा है कि प्रशासन झूठ बोल रही है या उसकी मां।
दरअसल हरदोई के लोनार थाना सकरौली गांव में यह सब रहते थे 2 वर्ष पहले उसके पति भगवानदीन की मौत हो गई थी। इसके बाद इसके परिवार में दो लड़की एक लड़का और उसकी पत्नी बचे थे। पति की मौत के बाद वह गांव में मांग कर या फिर कोई छोटा- मोटा काम करके अपना जीवन गुजारा कर रही थी। उसकी बहन ने बच्चों के लिए खाने का व्यवस्था अच्छी तरह से ना देखने के कारण उसके बेटे को अपने साथ लेकर चली गई थी। कुछ महीनों से सही ढंग से खाना ना मिलने के कारण उसके बच्चों की स्थिति बिगड़ने लगी थी जिसके कारण उसने इतना बड़ा फैसला लिया।
महिला मानसिक रोगी है, प्रशासन का दावा
जिला प्रोबेशन अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने यह दावा करते हुए कहा है कि महिला मानसिक रूप से रोगी थी, जब से उसके पति की मौत हुई तब से उसकी हालत कुछ ऐसी थी बच्चों को आंगनबाड़ी से अच्छे और पोषक तत्व खाने दिए के लिए जा रहे थे। लेकिन तस्वीर की माने तो पोषक तत्व खाने के बाद भी बच्चा कुपोषित कैसे दिख रहा था, और महिला ने इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया।
प्रशासन उस महिला की पूरी सहायता करेगी
चाइल्ड लाइन को सूचना मिली कि ग्राम सकरौली में एक महिला द्वारा अपनी ज़िंदा बच्ची को दफनाने का प्रयास किया गया है। इस सम्बन्ध में चाइल्ड लाइन को सूचना मिलने पर रेस्क्यू टीम मौके पर हुंचकर बच्ची को रेस्क्यू कर एनआरसी में भर्ती करा दिया गया। माता तथा बच्ची पहले से ही स्वस्थ्य हैं। शीघ्र ही वन स्टॉप सेन्टर में काउंसलर द्वारा महिला की काउसिंलिंग करा दी जायेगी तथा प्रशासन से जितना मदद हो सकेगा प्रशासन हर संभव सहायता की करेगी।
दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी: DM
जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया, “सीडीपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राशन कार्ड में महिला का एक यूनिट दर्ज था, वो ख़ुद भी इस मामले पर नज़र बनाये हुए हैं और जमीनी हकीकत को वो खुद से भी जांच कर रहे हैं। अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”