लखनऊ (उत्तर प्रदेश). चुनाव से पहले बीजेपी ने पूर्व IAS एके शर्मा को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया है. बीजेपी ने तय रणनीति के तहत एके शर्मा को यह जिम्मेदारी दी है. इसके अलावा अर्चना मिश्रा और अमित वाल्मीकि को भी जिम्मेदारी देकर प्रदेश मंत्री बनाया गया है.
यूपी चुनाव के ठीक पहले बीजेपी का ऐसा फैसला पहली बार नहीं है. लेकिन यदि एके शर्मा को यह जिम्मेदारी दी गई है तो साफ है कि बीजेपी कुछ सियासी समीकरण साधने का प्रयास कर रहा है. वैसे प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव की ओर से विभिन्न मोर्चों के लिए प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा कर दी गई है.
पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव ने प्रांशुदत्त द्विवेदी (फर्रुखाबाद) को युवा मोर्चा, श्रीमती गीताशाक्य राज्यसभा सांसद (औरैया) को महिला मोर्चा, कामेश्वर सिंह (गोरखपुर) को किसान मोर्चा, नरेंद्र कश्यप पूर्व सांसद (गाजियाबाद) को पिछड़ा वर्ग मोर्चा का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया है. इसके अलावा कौशल किशोर सांसद को अनुसूचित जाति मोर्चा, संजय गोंड (गोरखपुर) को अनुसूचित जनजाति मोर्चा व कुंवर बासित अली (मेरठ) को अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया गया है.
पीएम मोदी के काफी करीबी माने जाते हैं पूर्व IAS एके शर्मा
अब चुनाव से पहले पार्टी में लगातार हो रहे बदलाव को देखते हुए लोगों को यह संदेश मिल रहे हैं कि बीजेपी पूरी तरह से चुनाव मोड में आ चुका है. आने वाले दिनों में कई और बड़े फैसले देखने को मिल सकते हैं. एके शर्मा को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने यह सिलसिला शुरू कर दिया है. एके शर्मा को मोदी का करीबी बताया जाता है और यह लगभग पिछले 18 सालों से पीएम मोदी की टीम का हिस्सा रहे है. एके शर्मा को लग रहा था कि उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाकर पार्टी ने अपना इरादा भी साफ कर दिया है.
कांग्रेस ने कंसा तंज
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय जैसे शक्तिशाली कार्यालय को छोड़कर क्या एके शर्मा उपाध्यक्ष बनने लखनऊ आए थे? क्या प्रदेश उपाध्यक्ष प्रधानमंत्री कार्यालय से बड़ा है? इनकी नियुक्ति कहीं ना कहीं बीजेपी में जो सत्ता संघर्ष चल रहा है, उसको दर्शा रहा है.
जितिन प्रसाद को लेकर भी है अटकलें
वैसे इसके पहले जितिन प्रसाद का कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में आना और इसका दामन थामना सियासी समीकरण बदलने वाला है. वे बड़े ब्राह्मण नेता के रूप में जाने जाते हैं. बीजेपी जितिन प्रसाद को आने वाले दिनों में कोई बड़ा पद दे सकती है.