वाराणसी: एआईएमआईएम (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की कार पर फायरिंग (Firing On Asaduddin Owaisi Car) मामले में गोली चलाने वाले आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों आरोपी पिछले कई दिनों से ओवैसी का पीछा कर रहे थे और हमले को अंजाम देने के लिए पूरी प्लानिंग की थी. इस बीच केंद्र सरकार ने खतरे को देखते हुए ओवैसी को जेड कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया है.
ओवैसी के हर स्पीच को फॉलो करते थे आरोपी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सचिन, असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के लगभग हर स्पीच को फॉलो करता था. दोनों आरोपी पिछले कई दिनों से ओवैसी का पीछा कर रहे थे और उनकी सभाओं में मौजूद रहते थे.
केंद्र सरकार ने दी Z कैटेगरी की सुरक्षा
सूत्रों के अनुसार, असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पर टोल प्लाजा के पास हुए हमले के बाद भारत सरकार ने उनकी सुरक्षा की समीक्षा की है और उन्हें तत्काल प्रभाव से सीआरपीएफ की जेड कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की है.
सुरक्षा लेने से किया था इनकार
इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने सुरक्षा लेने से इनकार किया था और कहा कि साल 1994 में पहली बार विधान सभा का चुनाव जीतकर एमएलए बना था, लेकिन अब तक मैंने किसी तरह की कोई सुरक्षा नहीं ली है. मैं भविष्य में भी कभी सुरक्षा नहीं लूंगा. उन्होंने आगे कहा कि मैं चुनाव आयोग से यह कहना चाहूंगा कि इस मामले के पीछे जरूर कोई मास्टरमाइंड है. कुछ दिन पहले प्रयागराज में धर्म संसद में मेरी जान लेने की बात कही गई थी, जो ऑन रिकार्ड है, उसे भी देखा जाना चाहिए.
जाने क्या है पूरा मामला
बता दें कि गुरुवार को गाजियाबाद के पास पिलखुवा छिजारसी टोल प्लाजा पर AIMIM के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के काफिले पर फायरिंग की गई. घटना उस समय हुई जब ओवैसी मेरठ में प्रचार खत्म कर दिल्ली लौट रहे थे. हमलावरों की गोली ओवैसी की कार पर लगी. गोली लगने से ओवैसी की गाड़ी पंक्चर हो गई, लेकिन ओवैसी को कोई चोट नहीं आई. इसके बाद ओवैसी दूसरी गाड़ी में दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
हमले की खबर मिलते पुलिस मौके पर पहुंच गई और कुछ ही देर बाद फॉरेंसिक विभाग की टीम भी वहां आ गई. जांच में जुटी पुलिस को जल्द ही कामयाबी मिल गई और हापुड़ पुलिस ने सचिन नाम के आरोपी को हिरासत में ले लिया. सूत्रों के मुताबिक आरोपी सचिन नोएडा के बादलपुर का रहने वाला है. साथ ही पुलिस ने वो हथियार भी बरामद कर लिया, जिससे काफिले पर हमला किया गया था. कुछ ही घंटे बाद शुभम नाम के दूसरे हमलावर ने गाजियाबाद के सिहानी गेट थाने में सरेंडर कर दिया.