वाराणसी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि 69,000 से अधिक एक भी नियुक्ति न की जाए. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर विशेष अपील पर डबल बेंच ने भी अपनी मुहर लगा दी है.
बता दें कि एकल पीठ के समक्ष राज्य सरकार द्वारा जारी 6,800 अभ्यर्थियों की अतिरिक्त चयन सूची को चुनौती दी गई थी. इस पर एकल न्यायाधीश ने 27 जनवरी 2022 को आदेश दिया था कि साल 2018 में विज्ञापित 69 हजार रिक्तियों के अलावा बगैर विज्ञापन के एक भी नियुक्ति नहीं की जा सकती है. इस आदेश को एक अभ्यर्थी ने डबल बेंच में विशेष अपील दायर कर चुनौती दी थी. इसके बाद न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की खंडपीठ ने राहुल कुमार की अपील पर फैसला सुनाते हुए एकल पीठ के आदेश को उचित करार दिया है.
जानें पूरा मामला
दरअसल, राज्य में सहायक शिक्षकों की 69,000 रिक्तियों का विज्ञापन साल 2018 में किया गया था. इसके एग्जाम साल 2019 में हुए थे. इसके बाद आरक्षित वर्ग के कई अभ्यर्थियों ने सामान्य वर्ग के कट ऑफ से अधिक अंक हासिल किए थे. ऐसे अभ्यर्थियों ने अनारक्षित श्रेणी में चुने जाने का दावा किया था. इस पर सरकार ने इन 6800 अभ्यर्थियों की अलग चयन सूची जारी करने का फैसला लिया था. इसपर हाईकोर्ट ने सरकार की इस चयन सूची को निरस्त कर दिया है.