पश्चिम बर्धमान (पश्चिम बंगाल): पूर्व केंद्रीय मंत्री व आसनसोल से बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो के राजनीति से संन्यास के ऐलान के बाद पश्चिम बंगाल की सियासत का पारा काफी बढ़ गया है. फिलहाल, बीजेपी नेतृत्व की ओर से बाबुल सुप्रियो को मनाने की कोशिश की जा रही है. इस बीच बाबुल सुप्रियो के गोद लिए गांव में लोगों ने अपने सिर मुंडाने शुरू कर दिए हैं.
पश्चिम बर्धमान जिले के सालानपुर ब्लॉक के देंदुआ पंचायत के एकमात्र सिद्धबाड़ी गांव को बाबुल सुप्रियो ने गोद लिया था. सांसद पद से बाबुल के इस्तीफा देने की बात सामने आते ही गांव के लोग काफी निराश हो गए है. इस्तीफे का दुख कुछ ग्रामीण मुंडन करवा कर प्रकट कर रहे हैं.
ग्रामीणों के मुताबिक, बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने गांव में सोलर लाइट, सड़क और सबमार्शल पंप के अलावा कुछ भी विकसित नहीं किया लेकिन इस बार तो वो भी नहीं होगा. ग्रामीणों का कहना है कि राजनीति का शिकार हम लोगों को होना पड़ा है. इतना ही नहीं, कई ग्रामीणों का तो यहां तक कहना है कि सांसद बाबुल ने इस गांव में एक अस्पताल और एक बड़ा स्कूल तैयार करने की बात कही थी, लेकिन दो बार सांसद बनने के बाद भी कुछ नहीं किया है और अब तो और भी कुछ नहीं होगा.
सिधाबाड़ी गांव के निवासी अमर मंडल और बिनोद दास ने सोमवार की सुबह अपना सिर मुंडवा लिया और कहा कि बाबुल ने जो वायदे किए थे, वो आज तक पूरे नहीं किए. उन्होंने गांव को एक पिता के रूप में गोद लिया था, इसलिए उनके जाने के बाद गांव अनाथ हो गया है, इसलिए आज हम अपना सिर मुंडवाकर अपना दुख व्यक्त कर रहे हैं. अब सिर मुंडवाने की घटना पर सियासत भी काफी गरमा गई है.
सालानपुर प्रखंड तृणमूल के महासचिव भोला सिंह ने कहा कि उन्होंने (बाबुल सुप्रियो) सिद्धबाड़ी गांव को गोद लिया, लेकिन गांव के लिए कुछ नहीं किया. बल्कि हमारे विधायक ने उनके दत्तक गांव में जाकर काफी काम किया.
इस बीच सिद्धबाड़ी गांव के भाजपा नेता तीर्थ सेन ने कहा कि बाबुल सुप्रिया के गांव आने के बाद उन्होंने सड़क, सीवर, शौचालय से लेकर महिलाओं के लिए हस्तशिल्प प्रशिक्षण, पुरुषों के लिए मछली पालन तक की विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराईं हैं. इसके बाद भी अगर लोगों का कहना है कि उन्होंने कुछ नहीं किया तो निश्चय ही इसमें राजनीति छिपी हुई है.