गोरखपुर (उत्तर प्रदेश). कोरोना काल में सरकार द्वारा अथक प्रयास किए जा रहे है कि उच्च स्तर पर लोगों को इलाज मुहैया कराई जाए. लेकिन हजारों की संख्या वाले एक गांव में अगर कोई स्वास्थ्य केंद्र ही ना हो, तो इसे क्या कहा जाए, सरकार की नाकामी या गांव का पिछड़ापन.
जी हां, आज हम आपको एक ऐसे ही गांव से परिचित कराने जा रहे है, जो यूपी के गोरखपुर के सरदार नगर ब्लॉक में स्थित है. इस गांव का नाम गौनर है और इस गांव की आबादी करीब 15 हजार है. गौर करने वाली बात ये है कि बीते 2 महीने में अब तक 100 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से अधिकतर लोग कोरोना संक्रमित थे. 15 हजार की आबादी वाले इस गांव में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है.
जानकारी के मुताबिक, इस गांव के लगभग हर घर में कोई न कोई कोरोना से संक्रमित है. यहां तक कि गांव का प्रधान कैलाश निषाद भी पॉजीटिव है. यहीं कारण है कि इस गांव के लोग घर से निकलना तक नहीं चाह रहे हैं. गांव के लोग किसी से बात तक नहीं कर रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि यहां हर 2-3 दिन में 2-3 लोगों की मौत हो जाती है. यहां ना तो कोई अस्पताल है और ना ही कोई डॉक्टर. अगर यहां प्राइवेट और झोला-झाप डॉक्टर नहीं होते तो यहां इससे भी बुरी स्थिति हो जाती.